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________________ अनुक्रमणिका. वर्णन ने चतुर्दश नय इत्यादिक प्रनेक विषययुक्त १२ साध्य वस्तु ने साधक वस्तुना स्वरूपनो द्वार कवी अमृतचंद याचार्यनी घालोचना तथा बनारसी दासें जिन प्रतिमानी स्तुति करी तथा वणारसीदासनी पोतानी कथनी. चनद गुणस्थानक स्वरूप तेमां चोथा गुणस्थानकमां का यिकादि सम्यक्त्वनो स्वरूप तथा पांचमा गुणस्थानकमां श्रावकनी एकादश प्रतिमानुं लक्षण ६० सम्यक्त्वस्वरूप स्तवग्रंथनी स्थूल विषयानुक्रमणिका. १ सूत्रकारनी गाथा तथा सम्यक्त्वप्राप्तिनी प्रगाव जेवी जी वनी अवस्था होय तेनो विवरो २ सम्यक्त्व प्राप्तिनो उपाय ग्रंथि भेदवानी रीत ४ निवृत्ति करणे गयो थको जीव जे कर्त्तव्य करे ते कर्त्तव्य ५ सम्यक्त्वना भेदनो विवरो ... ६ कारकादि सम्यक्त्वनां लक्षण ७ कर्म ग्रंथनी सैलिये उपशम सम्यक्त्व प्राप्तिनो उपाय पांच सम्यक्त्वनो काल... ए दश प्रकारनी रुचिरूप सम्यक्त्व...... १० सम्यक्त्वना सडसठ नेद विशुद्ध व्यवहारथी .... ६१ षष्टीशतक नामक ग्रंथ नेमीचंद जंमारीकृत ए ग्रंथ शुद्ध मार्गानु सारीखाने जणवा वांचवा तथा सांजलवा लायक विचित्र न पदेशे करी युक्त .. ६२ संयम श्रेणीनुं स्तवन पंमित उत्तम विजयजीकृत ६३ लोकनाल द्वात्रिंशिका .. ६४ सम्यक्त्व विचारगर्भित महावीर जिन स्तवन. —◇8-(14) 388 Jain Education International उपशमादिक सम्यक्त्वना भेद सविस्तरपणे तथा सम्यक्त्व पामवा यथा प्रवृत्यादिक ऋण करणनुं स्वरूप इत्यादि. नो उपाय For Private & Personal Use Only १५ ४१--५१३ ५२-५२८ ---५४४ ८--५४६ Այց ५७७ ԱԵԱ एन्ट ५० ५३ ५६ ६०१ ६०० ६१२ ६१८ ६५६ ६ ७२० ७३७ www.jainelibrary.org
SR No.002166
Book TitlePrakarana Ratnakar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1876
Total Pages364
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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