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(१३) धन और नन्दन
(१४) धन और महेश्वर (१५) महेश्वर और धनश्री
(१६) चाण्डाल और धन
( १७ ) सनत्कुमार और अनंगवती रानी (१८) विनयन्धर और सनत्कुमार ( १९ ) जयकुमार और विलासवती .
(२०) चित्रांगद और जयकुमार (२१) धरण और देवनन्दी (२२) धरण और मौर्यचाण्डाल ( २३ ) धरण और कालसेन (२४) सुवदन और लक्ष्मी (२५) श्र ेष्ठी और धरण (२६) शान्तिमती और मुनिकुमार (२७) भिक्षु और श्रमणोपासक (२८) श्रेणिक और अभय कुमार (२६) दो दरिद्र भाइयों का वार्तालाप
(३०) सुप्रभा और नगर रक्षक देव (३१) चाणक्य और के सिक (३२) मलदेव और वणिक पुत्र ( ३३ ) क्षुल्लक और वृद्ध तपस्वी (३४) वणिक्पुत्र और उसकी पत्नी
(३५) परिव्राजक और राजा
( ३६ ) चुलणी और दीर्घराज ( ३७ ) मूलदेव और देवदत्ता (३८) मूलदेव और प्रचल ( ३६ ) रोहक और उसको विमाता
(४०) रोहक और जितशत्रु
( ४१ ) राजा और मंत्री
(४२) दमक और पुरोहित
(४३) दो सहाध्यायियों का वार्तालाप (४४) नन्द और सुन्दरी (४५) गालव और आंगिरस
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सं० स० पृ० २४० । संस० पृ० २४५ - २४६ । सं० स० पृ० २५५-२५६ ।
सं० स० पृ० २६२-२६३ ।
सं० स०पू० ३८४ ।
सं० स० पृ० ३६६ ।
सं० स० पृ० ४१० -- ४२६, ४३१, ४३२ ।
सं० स० पृ० ४७६ ।
सं० स० पृ० ४६६ ।
सं० स० पृ० ५२४ -- ५२६ ।
सं० स० पृ०
५३४- ५३५ ।
सं० स० पृ० सं० स० पृ०
६१२ ।
सं० स० पृ० ६६४-६६५ ।
द० हा० पृ० १०६
द० हा० पृ० ८१ ।
द० हा० पृ० ७० ।
६० हा० पृ०
६२ ।
द० हा० पृ०
१०४ ।
द० हा० पृ०
११४ ।
द० हा० पृ०
५५० ।
१७५ ।
द० हा० पृ०
१८२ ।
द० हा० पृ० २१०-२११ । उप० गा० ६
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उप० गा० ११, पृ० २३ ।
उप० गा० पृ० २३ ।
उप० गा० ५२, पृ० ४८ ।
उप० गाο ५४-६६, १० ४६--५३ ।
उप० गा० ६४, पृ० ६५ ।
उप० गा०, ६६, पृ० ६७ ।
उप० गा० १०७, पृ० ७२ ।
उप० गा० ३०-३४, पृ० ४० ॥
३७८-३८२,
उप० गा० १० २२२ ।
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