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पृष्ठांक ७८-८० ८०-८२ ८३-८४ ८५-६४ १४-१००
[ ३६ ] विषय वैशेषिक दर्शन में (अनेकान्तवाद) पदार्थ में सत्वासत्व न्याय दर्शन का वात्स्यायन भाष्य न्याय दर्शन की वैदिक वृत्ति में (भनेकान्तवाद) भास्कराचार्य का ब्रह्म सत्र भाष्य विज्ञान भिक्षुका विज्ञानामृत भाष्य वेदान्त पारिजात सौरभ श्री भाष्य श्री कंठशिवाचार्य का ब्रह्म मीमांसा भाष्य वल्लभाचार्य का तत्वार्थ प्रदीप पंचदशी भेदाभेद बौद्धदर्शन अनिर्वचनीय शब्द अनेकान्तवाद का पर्यायवाची है एक भ्रम की निवृत्ति उपसंहार
[परिशिष्ट प्रकरण] दर्शनों के प्राधार प्रन्थों में अनेकान्तबाद भगवद्गीता और उपनिषदें पुराणों में ईश्वर का सगुण निर्गुण स्वरूप महाभारत में अनेकान्तवाद मनुस्मृति में अनेकान्तवाद ईश्वर का कतृत्व प्रकर्तृत्व अनेकान्तवाद के साथ अन्याय शंकर स्वामी मोर भास्कराचार्य
१०४ १०५-१०८ १०८-११४ ११४-११५ ११५-१६ ११६-११५ ११६-१२२ १२३-१२८ १२८-१२६ १२६-१३२
१३६-१४१ १४१-१४३ १४२-१४६ १४-१५०
१६०-१६१
दृष्टिभेदः
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प्रतिपक्षी विद्वानों के प्रतिवाद की तुलना जैनदर्शन किस प्रकार से वस्तु को सदसत् मानता है उक्त विषयका विशेष स्पष्टीकरण
१७०-१७१ १७१-१७६
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