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________________ [ २८ ] तीन सौ वर्ष पहले का है और कोई डेढ़ सौ वर्ष पहले मानते हैं तथा पंडित प्रवर सत्यव्रत सामश्रमी ने इनको ईसवी सन से ४५० वर्ष पूर्व स्वीकार किया है + एवं योग सूत्रकार पतंजलि के विषय में भी मत भेद ही है । किसी के विचार में इनका समय ईसा की दूसरी से चौथी सदी तक है। कोई १५० वर्ष पूर्व मानते हैं और अन्य विद्वानों का कथन है कि ये ईसा के लगभग सौ वर्ष पहले हुए हैं। ___ महर्षि व्यास--. योग सूत्रों पर भाष्य करने वाले और महाभारत की रचना करने वाले व्यास यदि एक ही व्यक्ति हैं तो इनका समय ईसासे लगभग २०० वर्ष पूर्व का है। क्योंकि आजकल के इतिहासज्ञों ने महाभारत का समय प्रायः यही निश्चित किया है । परन्तु लोकमान्य तिलक ने गीताकाल निर्णय में महाभारत का समय शक संवत् के आरम्भ से ५०० वर्ष पहले का माना है - और यदि योग दर्शन पर भाष्य लिखने वाले व्यास इनसे-महाभारतीय + देखो उनका निरुक्तालोचन पृष्ठ ७२ । + वादरायण प्रणीत ब्रह्म सूत्र का समय ई० स० १०० वर्ष पूर्व का माना जाय तो महाभारत इससे पहिले का है । पतंजलि के योग सूत्र का समय भी इसी के लगभग है।। महाभारत मीमांसा पृ० ६४ । हिन्दी अनुवाद ] * देखो हिंदत्तत्वज्ञाननो इतिहास पृष्ठ १५५ उत्तरार्द्ध । * देखो उनका गीतारहस्य हिन्दी अनुवाद पृ०५६२ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002141
Book TitleDarshan aur Anekantavada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Sharma
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages236
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size8 MB
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