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मुर्शिदाबाद (अभिमगंज) निवासी बाबू डालचंदजी सिंघो के स्मरणार्थ यह पुस्तक मण्डल की ओर से प्रकाशित कीजाती है। इसे तय्यार करने का तथा काराज, छपाई, जिल्द आदि का सब खर्च उक्त बाबू जी के सुपुत्र बाबू बहादुरसिंह जी सिंघी ने दिया है। उनकी यह खास इच्छा थी कि यह पुस्तक निर्मूल्य वितरण की जाय । परन्तु यह सोच कर कि थोड़ा भी मूल्य रखने से पुस्तक का अधिक सदपुयोग होगा और दुरुपयोग से बच जायगी। यह मूल्य सिर्फ जिल्द की कीमत भर है । पुस्तक की लागत का सिर्फ चौथा हिस्सा है । इस अल्प मूल्य के द्वारा भी जो कुछ प्राप्ति होगी उसका उपयोग पुनः ऐसीही पुस्तकें निकालने में मण्डल करेगा। ___ इस ढंग की पुस्तक आज तक कोई नहीं निकली। आशा है इसे साधन्त पढ़कर विद्वान् पाठक उक्त बाबू जीकी उदारता का पूरा फायदा उठावेंगे और मण्डल की प्रकाशन प्रवृत्ति को सफल करेंगे।
मन्त्री
दयालचन्द जौहरी वि. सू.-विद्यालय, पुस्तकालय तथा अन्य सार्वजनिक संस्थाओं को यह पुस्तक विना मूल्य केवल पोस्ट खर्च ।) मात्र भेजने से मिल सकतीहै।
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