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[ ४ ] कामों में आपका सहयोग, एक कर्तव्यपरायण व्यक्ति के समान था, आप की सादगी, विचार स्वतन्त्रता, धर्म परायणता और आचरण सम्पन्नता आदि गुणों की जितनी प्रशंसा की जाय उतनी कम है । अधिक क्या कहें आप के देहावसान से जैन संसार में जो कमी हुई है उसकी पूर्ति यदि असम्भव नहीं तो कठिनतर अवश्य है । आपका जन्म वि० सं० १९२१ अधन-मार्ग शीर्ष कृ० ६ शनिवार और स्वर्गवास १९८४ माघ कृ० ६गुरुवार को हुआ। काश ! ऐसे आदर्श व्यक्ति प्रचुर संख्या में उत्पन्न हों।
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