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परिशिष्ट-२]
२५७
सं० यक्ष
यक्ष ९ अजित-(क) श्वे०
वाहन कूर्म
(ख) दि० १० ब्रह्म-(क) श्वे.
पद्म
(ख) दि०
सरोज
आठ
वृषभ
११ ईश्वर-(क) श्वे.
(ख) दि०
त्रिनेत्र
वृषभ
चा
स
१२ कुमार-(क) श्वे.
चार
(ख) दि०
भुजा-सं० आयुध
अन्य लक्षण चार मातुलिंग, अक्षसूत्र (या अभयमुद्रा), |
नकुल, शूल (या अतुल रलराशि) चार फल, अक्षसूत्र, शक्ति, वरदमुद्रा आठ या मातुलिंग, मुद्गर, पाश, अभयमुद्रा | त्रिनेत्र, चतुर्मुख दस या वरदमुद्रा (दक्षिण); नकुल, गदा,
अंकुश, अक्षसूत्र (वाम); मातुलिंग, मुद्गर, पाश, अभयमुद्रा, नकुल, गदा, अंकुश, अक्षसूत्र, पाश, पद्म (आचारदिनकर) बाण, खड्ग, वरदमुद्रा, धनुष, दण्ड, | चतुर्मुख खेटक, परशु, वज मातुलिंग, गदा, नकुल, अक्षसूत्र फल, अक्षसूत्र, त्रिशूल, दण्ड (या | त्रिनेत्र वरदमुद्रा) बीजपूरक, बाण (या वीणा), नकुल, धनुष वरदमुद्रा, गदा, धनुष, फल | त्रिमुख या षण्मुख (प्रतिष्ठासारोद्धार); बाण, गदा, वरदमुद्रा, धनुष, नकुल,
मातुलिंग (प्रतिष्ठातिलकम्) बारह फल, चक्र, बाण (या शक्ति), खड्ग,
पाश, अक्षमाला, नकुल, चक्र, धनुष,
फलक, अंकुश, अभयमुद्रा बारह
ऊपर के आठ हाथों में परशु और शेष चार में खड्ग, अक्षसूत्र, खेटक, दण्डमुद्रा पद्म, खड्ग, पाश, नकुल, फलक, त्रिमुख, त्रिनेत्र अक्षसूत्र अंकुश, शूल, पद्म, कषा, हलं, फल । त्रिमुख, शीर्षभाग में वज्र, अंकुश, धनुष, बाण, फल, त्रिसपंफण वरदमुद्रा (अपराजितपृच्छा) बीजपूरक, गदा, अभयमुद्रा, नकुल, | त्रिमुख पद्म, अक्षमाला मुद्गर, अक्षमाला, वरदमुद्रा, चक्र, त्रिमुख वज, अंकुश; पाश, अंकुश, धनुष,बाण, फल, वरदमुद्रा (अपराजितपच्छा)
१३ (i) षण्मुख-श्वे.
(i) चतुमुंख-दि०
१४ पाताल-(क) श्वे.
(ख) दि०
१५ किन्नर-(क) श्वे०
(ख) दि.
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