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________________ परिशिष्ट-२ यक्ष-यक्षी-भूतिविज्ञान-तालिका (क) २४-यक्ष सं० यक्ष १ गोमुख-(क) श्वे. (ख) दि० २ महायक्ष-(क) श्वे० (ख) दि० आठ ३ त्रिमुख-(क) श्वे. वाहन भुजा-सं० आयुध अन्य लक्षण गज चार | वरदमुद्रा, अक्षमाला, मातुलिंग, पाश | गोमुख, पावों में गज एवं (या वृषम) वृषभ का अंकन वृषभ चार | परशु, फल, अक्षमाला, वरदमुद्रा शीर्षमाग में धर्मचक्र गज आठ वरदमुद्रा, मुद्गर, अक्षमाला, पाश | चतुर्मुख ( दक्षिण ); मातुलिंग, अभयमुद्रा, अंकुश, शक्ति (वाम) खड्ग (निस्त्रिश), दण्ड, परशु, चतुर्मुख वरदमुद्रा (दक्षिण); चक्र, त्रिशूल, पद्म, अंकुश (वाम) मयूर | छह नकुल, गदा, अभयमुद्रा (दक्षिण); | त्रिमुख, त्रिनेत्र (या नवाक्ष) (या सर्प) फल, सर्प, अक्षमाला (वाम) | मयूर दण्ड, त्रिशूल, कटार (दक्षिण); चक्र, | त्रिमुख, त्रिनेत्र खड्ग, अंकुश (वाम) फल, अक्षमाला, नकुल, अंकुश चार संकपत्र (या बाण), खड्ग, कार्मुक, | चतुरानन (या हंस) खेटक । सर्प, पाश, वज्र, अंकुश (अपराजितपुच्छा) गरुड चार वरदमुद्रा, शक्ति, नाग (या गदा), पाश नागयज्ञोपवीत गरुड सपं, सर्प, वरदमुद्रा, फल चार (ख) दि० गज चार ४ (i) ईश्वर-श्वे० (ii) यक्षेश्वर-दि. गज ५ तुम्बरु-(क) श्वे० (ख) दि० ६ कुसुम (या पुष्प) (क) श्वे० (ख) दि. मृग (या मयूर चार या अश्व) मृग दो या चार ७ मातंग-(क) श्वे० चार फल, अभयमुद्रा, नकुल, अक्षमाला (i) गदा, अक्षमाला (ii) शूल, मुद्रा, खेटक, अभयमुद्रा (या खेटक) बिल्वफल, पाश (या नागपाश), नकुल (या वज्र), अंकुश वन (या शल), दण्ड । गदा, पाश (अपराजितपृच्छा) चक्र (या खड्ग), मुद्गर त्रिनेत्र | फल, अक्षमाला, परशु, वरदमुद्रा त्रिनेत्र (ख) दि० सिंह | दो (या मेष) हंस | दो ८ (i) विजय-श्वे० (ii) श्याम-दि० कपोत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002137
Book TitleJain Pratimavigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaruti Nandan Prasad Tiwari
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1981
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Culture
File Size13 MB
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