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[ जैन प्रतिमाविज्ञान
आयुध
अन्य लक्षण
सं० यक्ष १६ गरुड-(क) श्वे.
वराह
| वाहन भुजा-सं०
| चार (या गज) वराह चार (या शुक)
(ख) दि.
बीजपूरक, पद्म, नकुल (या पाश), वराहमुख अक्षसूत्र वज, चक्र, पद्म, फल। पाश, अंकुश, फल, वरदमुद्रा (अपराजितपच्छा) वरदमुद्रा, पाश, मातुलिंग, अंकुश
चार
१७ गन्धर्व-(क) श्वे०
(ख) दि.
हंस (या सिंह ?) पक्षी (या शुक)
in
चार
१८ (1) यक्षेन्द्र-श्वे.
शंख (या | बारह वृषभ या शेष)
सर्प, पाश, बाण, धनुष; पद्म, अभयमुद्रा, फल, वरदमुद्रा (अपराजितपृच्छा) मातुलिंग, बाण (या कपाल),खड्ग, | षण्मुख, त्रिनेत्र मुद्गर, पाश (या शूल), अभयमुद्रा, नकुल, धनुष, खेटक, शूल, अंकुश, अक्षसूत्र बाण, पद्म, फल, माला, अक्षमाला, | षण्मुख, त्रिनेत्र लीलामुद्रा, धनुष, वज्र, पाश, मुद्गर, अंकुश, वरदमुद्रा। वज्र, चक्र, धनुष, बाण, फल, वरदमुद्रा (अपराजितपृच्छा)
(ii) खेन्द्र या यक्षेश-दि० शंख
बारह
(या खर)
या छह
१९ कुबेर या यक्षेश
(क) श्वे०
गज
| आठ
(ख) दि०
गज
आठ (या सिंह) । या चार
वृषभ
आठ
२० वरुण-(क) श्वे०
(ख) दि०
वृषभ
चार
वरदमुद्रा, परशु, शूल, अभयमुद्रा, | चतुर्मुख, गरुडवदन बीजपूरक, शक्ति, मुद्गर, अक्षसूत्र | (निर्वाणकलिका) फलक, धनुष, दण्ड, पद्म, खड्ग, | चतुर्मुख बाण, पाश, वरदमुद्रा। पाश, अंकुश, फल, वरदमुद्रा (अपराजितपृच्छा) मातुलिंग, गदा, बाण, शक्ति, नकुलक, जटामुकुट, त्रिनेत्र, चतुर्मुख, पद्म (या अक्षमाला), धनुष, परशु | द्वादशाक्ष (आचारदिनकर) खेटक, खड्ग, फल, वरदमुद्रा। |
| जटामुकुट, त्रिनेत्र, पाश, अंकुश, कार्मुक, शर, उरग, अष्टानन वज्र (अपराजितपृच्छा) मातुलिंग, शक्ति, मुद्गर, अभयमुद्रा, | चतुर्मुख, त्रिनेत्र (द्वादशाक्षनकुल, परशु, वज्र, अक्षसूत्र आचारदिनकर) खेटक, खड्ग, धनुष, बाण, अंकुश, चतुर्मुख पद्म, चक्र, वरदमुद्रा मातुलिंग, परशु, चक्र, नकुल, शूल, | त्रिमूख, समीप ही शक्ति
अम्बिका के निरूपण का निर्देश (आचारदिनकर) .
या छह
आठ
२१ भृकुष्टि-(क) श्वे०
(ख) दि०
आठ
२२ गोमेध-(क) श्वे.
छह
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