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________________ मल्लराष्ट्र : ४९ निर्वाण ५२८ ईसा पूर्व हुआ था तथा दिगम्बर परम्परानुसार ५१० ईसा पूर्व हुआ था। वे थेरावली से किसी निश्चित मत पर नहीं पहुंच पाते हैं। उनका कथन है कि ऐतिहासिक पुस्तकों की मान्यता के विपरीत महावीर का निर्वाण बाद का होना चाहिए। उनका अभिमत है कि यदि बुद्ध का निर्वाण काल ई० पू० ३५० निश्चित है तो महावीर का निर्वाण भी उसके निकटस्थ समय में होना चाहिए।' उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि महावीर और बुद्ध के निर्वाण की तिथि के विषय में सर्वसम्मत निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका है। बौद्ध साहित्य में सर्वत्र बुद्ध का निर्वाण महावीर के पश्चात् बताया गया है। जेन साहित्य में बुद्ध के निर्वाण के समय का उल्लेख नहीं है। इस आधार पर बौद्ध साहित्य के विवरण को आधार मानते हुए महावीर के पूर्व निर्वाण प्राप्त करने की बात स्वीकार कर सकते हैं। ___ जैन एवं बौद्ध दोनों धर्मों में कुछ समानताएँ एवं कुछ विभिन्नतायें हैं। महावीर और बुद्ध दोनों ही भारतीय संस्कृति की निवृत्तिमार्गी श्रमणपरम्परा का प्रतिनिधित्व करते हैं। दोनों ही सत्य, अहिंसा, त्याग, तपस्या, परोपकार, कष्ट-सहिष्णुता तथा जन-कल्याण की भावना से ओत-प्रोत रहे हैं। दोनों अर्हत् बुद्धि, तर्क, कर्म, संघ एवं भिक्षाचर्या में विश्वास करते थे। दोनों ने वैदिक धर्म एवं ब्राह्मणवाद पर कुठाराघात किया एवं पशुवलि, जाति एवं वर्गप्रथा के विरुद्ध थे। दोनों ही अनीश्वरवादी एवं सुधारवादी थे। ___ साथ ही दोनों में कुछ मूलभूत अन्तर भी था । महावीर कठोर तपस्या मार्ग के समर्थक थे, बुद्ध मध्यममार्गी थे। महावीर आत्मवादी थे बुद्ध अनात्मवादी थे। इसके अतिरिक्त आचार्य चतुरसेन के मतानुसार बद्ध और महावीर में एक अन्तर यह है कि बुद्ध ने दूसरे किसी पूर्ववर्ती या समकालीन मत का समन्वय नहीं किया, जबकि महावीर ने पूर्वकालीन पापित्यकों के मत का समन्वय किया है। १. (अ)-वेचर्ड, हेडन्ज, डेट आव बुद्ध रिस्कलीडर्ड पृ० २९-३६, इण्डोलाजिका तेऊरेनेशिया खण्ड १०, इटली, १९८२। (ब)-रिमार्क आनद प्राब्लम आव डेट आव महावीर, पृ० ७०-७५, वही १९ वही १९८३ । २. उत्तराध्ययन, सं० दोशी, रतनलाल ३१०/२३, सैलाना, म०प्र०, १९६२ ई०। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002135
Book TitleMahavira Nirvan Bhumi Pava Ek Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwati Prasad Khetan
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size12 MB
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