________________
४८ : महावीर निर्वाणभूमि पावा : एक विमर्श अध्ययन कर महावीर एवं बुद्ध के काल के सम्बन्ध में निम्न मत व्यक्त किया हैमहावीर
गौतमबुद्ध जन्म ई० पू० ५९९
ई० पूर्व ५८२ गृहत्याग ई० पू० ५६९ ई० पूर्व ५४४ कैवल्य ई० पू० ५५७
ई० पू० ४४७ निर्वाण ई० पू० ५२७
ई० पू० ५०२ परन्तु मुनि नगराज का यह मत दोनों महापुरुषों के समय सम्बन्धी भ्रम का निवारण नहीं कर सका है। प्रो० मधुसूदन ढाकी', प्रो० वी० सी० श्रीवास्तव आदि विद्वान् मुनि नगराज के विचार से सहमत नहीं हैं। उन्होंने हर्मन याकोबी के विचारों के आधार पर महावीर का निर्वाण ई० पू० २८४ माना है। परन्तु डा० के० डी० वाजपेयी ने मुनि नगराज के मत का समर्थन किया है। ___ कुछ अन्य लब्ध प्रतिष्ठ पूर्ववर्ती विद्वानों ने महावीर और बुद्ध के काल पर अपना अभिमत व्यक्त किया है। डा० एस. राधाकृष्णन् ने महावीर का जन्म एवं निर्वाण क्रमशः ५९९ ई० पूर्व तथा ५२७ ई० पर्व एवं बुद्ध का जन्म एवं परिनिर्वाण क्रमशः ई० पू० ५६७ तथा ई० पूर्व ४८८ बताया है। डी० आर० पाटिल के अनुसार बद्ध का महापरिनिर्वाण वर्ष ई० पूर्व ४८७ तथा ई० पूर्व ४८३ के मध्य होना चाहिए। ___ विदेशी विद्वान हेडन्ज वेचर्ड ने महावीर एवं बुद्ध की तिथियों पर विचार किया है। उन्होंने अन्य विद्वानों के मत का विस्तत विवेचन करते हुए बुद्ध का महापरिनिर्वाण सम्राट अशोक के राज्याभिषेक से ८५ से लेकर १५० वर्ष पूर्व माना है। इस आधार पर उन्होंने बुद्ध का महानिर्वाण ई० पू० ३५० के लगभग माना है। महावीर के निर्वाण के विषय में उनका कथन है कि श्वेताम्बर परम्परा के अनुसार महावीर का १. वार्ता के आधार पर। २. वार्ता के आधार पर । ३. डॉ० राधाकृष्णन्, एस, भारतीय दर्शन (हि०) प्र० ख०, पृ० २३६, राजपाल
एण्ड सन्स कश्मीरी गेट, दिल्ली १९८६ । ४. पाटिल, डी० आर०, कुशीनगर, पृ० ७, आर्कियालाजिकल सर्वे आव इंडिया,
न्यू० देहली, प्र० सं० १९५७ ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org