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________________ २० : महावीर निर्वाणभूमि पावा : एक विमर्श आधुनिक विद्वानों ने बुद्धकालीन मध्यदेश के सीमा सम्बन्धी निगमों, नगरों व नदियों की पहचान का प्रयत्न किया है। मध्यदेश के पूर्व में स्थित कजंगल नामक निगम की पहचान कनिंघम' ने ह्वेनसांग की यात्रा में वर्णित क-चु-वेन् कि-लो' या कि-चु-खि-लो' या वर्तमान कंकजोल नामक स्थान से की है । यह बिहार प्रदेश के संथाल परगना जनपद में राजमहल से १८ मील दक्षिण में स्थित है। इसकी पुष्टि पं० राहुल सांकृत्यायन ने की है। मध्यदेश के दक्षिण-पूर्व में स्थित सलिलवती नामक नदी को वर्तमान सिलई नदी से समीकृत किया गया है । यह हजारोबाग और मेदिनीपुर जनपद से होकर बहती है। मध्यदेश के दक्षिण में सेतकणिक नामक निगम की पहचान करने में कोई विद्वान् सफल नहीं हो पाया है। पं० राहल सांस्कृत्यायन ने भी इसके सम्बन्ध में केवल यह कहा है कि यह हजारीबाग जनपद में कोई स्थान था । मध्यदेश की पश्चिमी सोमा पर थूण नामक ब्राह्मण ग्राम स्थित है। सुरेन्द्रनाथ मजुमदार" ने इसे स्थाणीश्वर या वर्तमान थानेश्वर ( जनपद करनाल ) से समोकृत करने का प्रयास किया है जिसकी पुष्टि विमलचरण लाहा तथा राहल सांकृ णाय दिसाय सललवती नाम नदी, ततो परं पच्चन्तिमा जनपदा ओरतो मज्झे, दक्खिणायदिसाय सेतकणिकं नाम निगमो, ततो परं पच्चन्तिमा जनपदा ओरतो मज्झे, पच्छिमाय दिसाय थूनं नाम बाह्मणगामो, ततो परं पच्चन्तिमा जनपदा ओरतो मज्झे, उत्तराय दिसाय उसीरद्धजो नाम पब्बतो, ततो परं पच्चन्तिमा जनपदा ओरतो मज्झेति ।" १. ए० कनिंघम, एश्येण्ट ज़्याग्रफी आव इण्डिया, पृ० ७२३, चक्रवर्ती, चटर्जी एड कम्पनी, कलकत्ता १९२४ । २. बुद्धचर्या ( हि० ), सांकृत्यायन राहुल, पृ० २७१, महाबोधि सभा, सारनाथ, बनारस १९५२ । ३. विनय पिटक-(हि० ) पं० राहुल सांकृत्यायन, पृ० २१३, महाबोधि सभा सारनाथ, वाराणसी १९३५ । ४. वही, पृ० २१३ । ५. सं० मजुमदार, एस० एन०, एंश्येण्ट ज्यानको आव इण्डिया-पृ० ४३, टिप्पणी । चक्रवर्ती, चटर्ची एण्ड कम्पनी कलकत्ता १९२४ । ६. लाहा, विमलचरण-ज्याग्रफी आव अर्ली बुद्धिज्म, पृ० २, केगनपालट्रेच ट्रबुनर एण्ड कम्पनी, लन्दन, १९३२ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002135
Book TitleMahavira Nirvan Bhumi Pava Ek Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwati Prasad Khetan
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size12 MB
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