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________________ - १७४ : महावीर निर्वाणभूमि पावा : एक विमर्श जन्म स्थान गये थे, फिर वहाँ से उन्होंने कपिलवस्तु की यात्रा की थी । उन्होंने अपने यात्रा वर्णन में कपिलवस्तु की स्थिति श्रावस्ती से दक्षिणपूर्व दिशा में १३ योजन ( ९१ मील) की दूरी पर स्वीकार किया है । गाइल्स' के मतानुसार फाह्यान, श्रावस्ती से दक्षिण-पूर्व दिशा में १२ योजन चलकर भगवान् क्रकुच्छन्द के जन्म स्थान यहाँ से वे उत्तर दिशा में १ योजन से कम दूरी पर आश्रम पर गये थे । तत्पश्चात् वहाँ से पूर्व दिशा में एक योजन से कम दूरी पर स्थित कपिलवस्तु पहुँचे थे । श्रावस्ती से कपिलवस्तु की दिशा के विषय में कनिंघम तथा गाइल्स एकमत हैं । यद्यपि दूरी के विषय में इनमें अवश्य ही मतवैभिन्य है । सम्भवतः गाइल्स द्वारा बताई गई दूरी सही नहीं है । नाभिक नगर आये थे । स्थित, कनकमुनि के कनिंघम' एवं वाटर्स के अनुसार ह्वेनसांग, श्रावस्ती से कपिलवस्तु की दूरी दक्षिण-पूर्व दिशा में ५००ली० ( ८३ मील) बताते हैं । afघम ने भगवान् क्रकुच्छन्द के जन्म स्थान को वर्तमान ककुआ ग्राम से समीकृत किया है जिसकी स्थिति कपिलवस्तु से ८ मील पश्चिम में है । उन्होंने श्रावस्ती एवं कपिलवस्तु के बीच की दूरी ८१ मील मानी है । उनके अनुसार इस मार्ग पर श्रावस्ती से ४२ मील की दूरी पर अशोक स्तम्भ स्थित है, जहाँ से कपिलवस्तु की दूरी ३९ मील है, साथ ही निघम की धारणा है कि घुमावदार मार्ग के होने पर यह दूरी ८५ से ९० मील के मध्य हो सकती है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि श्रावस्ती से कपिलवस्तु की दूरी के विषय में कनिंघम संशय की स्थिति में रहे हैं। साथ ही गाइल्स एवं वाटर्स भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच • सके हैं। उत्तर प्रदेश शासन, बुद्धकालीन मार्ग ( बौद्ध पथ ), बौद्ध साहित्य के आधार पर सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है । वर्तमान में श्रावस्ती से पिपरहवा ( कपिलवस्तु) मार्ग की दूरी उतरौला होकर लगभग ८३ मील है जैसा कि मानचित्र में ( परिशिष्ट संख्या ) प्रदर्शित किया गया है । ह्वेनसांग की यात्रा के विवरण से भी ज्ञात होता है कि कपिल - १. गाइल्स, एच० एच०, ट्रैवेल्स आव फाह्यान, पृ० ३६, लन्दन, १९५९ । २. कनिंघम, ए०, एंश्येण्ट ज्याग्रफ़ी आव इण्डिया, पृ० ३४९ । ३. गाइल्स, एच एच०, ट्रैवेल्स आव फाह, यान, पृ० ३६ । ४. कनिंघम, ए०, एंश्येण्ट ज्याग्रफी आव इण्डिया, पृ० ३४९ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002135
Book TitleMahavira Nirvan Bhumi Pava Ek Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwati Prasad Khetan
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size12 MB
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