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________________ पावा मार्ग अनुसंधान : १६१ उत्खनन होना चाहिए । इस पर सुन्दर अक्षरों में उत्कीर्ण ६ अभिलेख आज भी सुरक्षित हैं, जिसका हल्टज ने ( इन्स्क्रिप्शन्स आव अशोक, न्यू एडिसन, कारपस् इन्स्क्रिप्शन्स इडिकारम, वाल्यूम, १९२५ पृ० १४१ एवं लिस्ट आफ मानुमेंट्स इन बिहार एण्ड उड़ीसा, कुरेशी द्वारा लिखित, पृ० ६-८, १९२९ ) अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया है । राजबली पाण्डेय'ने लौरिया अरेराज तथा लौरियानन्दनगढ़ के अशोक स्तम्भों के अभिलेखों का गहन अध्ययन कर लिखा है कि ब्यूलर ने दोनों स्तम्भों के अभिलेखों को जर्मनी भाषा में ( जेड० डी० एम० जी० भाग ४५ तथा ४६ ) तथा अंग्रेजी में ( एपि० इण्डि० भा० २, पृ० २४५ तथा आगे) में सम्पादित किया है । अंग्रेजी के संस्करण में उन्होंने श्री गैरिक महोदय का लिप्यन्तर भी साथ ही साथ दिया है । डी०आर० पाटिल के अनुसार - कनिंघम ने अशोक स्तम्भ पर आड़ी-तिरछी रेखाओं से निर्मित अनेक आकृतियों को देखा था, जिसे जेम्स प्रिंसेप ने घोघा सदृश्य आकृति की संज्ञा थी । उस पर कुछ पर्यटकों के हस्ताक्षर भी हैं, उदाहरण स्वरूप प्रसिद्ध गणितज्ञ, खगोलवेत्ता एवं एशियाटिक सोसाइटी के सदस्य राबिन बौरो के हस्ताक्षर १७९२ ई० में अंकित है, उसी वर्ष उनका देहावसान हो गया था । २ रिया अरेराज में निर्मित अशोक स्तम्भ, अशोक कालीन इतिहास का जीता-जागता दस्तावेज है, निश्चित ही अशोक स्तम्भ उस काल के मार्ग-निर्धारण में महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देशन करता है । किन्तु लौरिया अरेराज स्तम्भ के निकट किसी प्राचीन भवन का भग्नावशेष, प्राचीन टीला अथवा स्तूप दृष्टिगोचर न होना, वास्तव में आश्चर्यजनक तथ्य है । लौरियानन्दनगढ़ लौरिया अरेराज से ३४ मील उत्तर-पश्चिम, बेतिया से १५ मील उत्तर-पश्चिम तथा बगहा से २५ मील दक्षिण-पूर्व दिशा में २६°५९′ अक्षांश एवं ८४°२४' देशान्तर रेखा पर लौरियानन्दनगढ़ नामक प्राचीन एवं महत्त्वपूर्ण ग्राम, बेतिया - बगहा मार्ग पर स्थित है । यहाँ से गंडक १० मील की दूरी पर दक्षिण में बहती है । इस ग्राम से अशोक स्तम्भ लगभग १. इंस्क्रिप्शन्स आव अशोक, पृ० १४१ २. पाटिल, डी० आर०, एण्टीक्वेरियन रिमेन्स इन बिहार, पृ० २३३, के० पी० जायसवाल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पटना, १९६३ ११ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002135
Book TitleMahavira Nirvan Bhumi Pava Ek Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwati Prasad Khetan
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size12 MB
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