SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 180
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १६० : महावीर निर्वाणभूमि पावा एक विमर्श का कनिंघम ने १८६१-६२ में निरीक्षण, सर्वेक्षण एवं उत्खनन कर विस्तृत विवरण दिया है । हन्टर के स्टेटिस्टिकल एकाउन्ट में भी इसका वर्णन मिलता है | कनिंघम की रिपोर्ट के अनुसार चमकीले बलुए प्रस्तर से निर्मित इस स्तम्भ की धरातल से ऊँचाई ३६.६ " है, तल पर इसका व्यास ४१.८" तथा शीर्ष भाग पर ३७.६ " है । उन्होंने सम्भावना व्यक्त की है कि पृथ्वी के नीचे भी यह स्तम्भ कई फीट होगा । उन्होंने इसका कुल सम्भावित वजन ४० टन बताया है । उन्हें स्तम्भ के शीर्ष भाग पर कोई पशु आकृति दृष्टिगोचर नहीं हुई थी फिर भी उन्होंने सम्भावना व्यक्त की कि इस पर कोई न कोई पशु आकृति अवश्य निर्मित रही होगी । स्मिथ का कथन है कि इसके शीर्ष भाग पर गरुड़ की प्रतिमा स्थापित थी । कनिघम" ने स्थानीय लोगों से इसके विषय में जानने का प्रयास किया, परन्तु जनसामान्य में कोई चर्चा नहीं रही अतः इसके बारे में कोई सूचना उन्हें प्राप्त न हो सकी । इस स्तम्भ का संक्षिप्त विवरण हन्टर ने “ स्टैटिस्टिकल एकाउन्ट” में दिया है । कुरेशी' की सूची से भी इसका विवरण प्राप्त होता है । डी० आर० पाटिल के मत में इस स्तम्भ के पालिशदार भाग पर नीचे से ३' की ऊँचाई तक कई व्यतिक्रमित रेखाएँ तथा कुछ काले रंग की छोटी वक्राकार आकृतियाँ अंकित थीं । इस स्तम्भ की मुख्य विशेषता यह है कि इसके आस-पास कोई प्राचीन अवशेष दृष्टिगोचर नहीं होता है । जबकि भारतवर्ष के अन्य स्तम्भों के निकट प्राचीन टीले एवं भग्नावशेष हैं | कोल्हुआ और लौरिया नन्दनगढ़ इसके ज्वलन्त प्रमाण हैं । उनका विचार है कि इस स्तम्भ के निकटवर्ती क्षेत्र का सर्वेक्षण एवं १. कनिंघम, ए० -- आर्कियोलाजिकल सर्वे आव इण्डिया रिपोर्ट, १८६१-६२ वा० I, पृ० ६७-६८ २. हण्टर, स्टैटिस्टिकल एकाउण्ट आव बंगाल, ना० XIII, पृ० २५४, ३. कनिंघम, ए० आर्कियोलाजिकल सर्वे आव इण्डिया रिपोर्ट, १८६१-६२, वा० I, पृ० ६७-६८ ४. डॉ० पाण्डेय, राजबली - अशोक अभिलेख, पृ० ११ ५. कनिंघम, ए० आर्कियोलाजिकल सर्वे आव इण्डिया रिपोर्ट, १८६१-६२, वा० I, पृ० ६७-६८; कुरेशीलिस्ट पृ० ५, ९, १९, २९, ६. पाटिल, डो० आर०, एण्टीक्वेरियन रिमेन्स इन बिहार पृ० २३३, के० पी० जायसवाल रिसर्च इंस्टीट्यूट पटना १९६३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002135
Book TitleMahavira Nirvan Bhumi Pava Ek Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwati Prasad Khetan
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy