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पावा-पड़रौना अनुशीलन : ११५
५.
इसी पत्थर से निर्मित सुन्दर केश विन्यासयुक्त एक मानव मुखuse की खण्डित आकृति ७५० x ६ सेमी ० ।
६. अर्द्ध- खण्डित कमर तक की महावीर की प्रतिमा, जिसके दोनों ओर दो अनुचर खड़े हैं । बायीं तरफ ऊपर की ओर सिर के पास पद्मासन मुद्रा में एक पुरुष मुखाकृति है, जो घिसी हुई है। भगवान महावीर के वक्ष पर कमल अंकित है - २७ x २३ सेमी० ।
७. सिरविहीन मानव आकृति, पैर खण्डित, गले में आभूषण १०७३ से०मी० ।
८. विकसित वक्षस्थलयुक्त सुदर नारी की प्रतिमा कञ्चुक ( नारी का वक्ष ढँकने का अधोवस्त्र ), कानों में कुण्डल, सुसज्जित केशविन्यास, ऊपर की ओर ध्यान मुद्रा में अवस्थित एक पुरुष, उसके बायें बैठी हुई एक नारी तथा बर्तन में कुछ मथती हुई मुख्य नारी की प्रतिमा की गोद में एक बालक है - २२ x २० x १० सेमी ० । एक 'काले पत्थर पर चमकदार ऊपरी सतह वाला पदार्थ जिसके अन्दर की ओर कुछ प्राकृतिक चित्रण है । १०×८४५ सेमी० । ( दुर्भाग्यवश उत्खनन के समय नष्ट हो गया है । )
१०. मिट्टी के चार दीपक ३.३० मीटर की गहराई से मिले, जिसमें दो टूटे हुए हैं।
९.
११. लगभग २०० से अधिक नक्काशीदार ईंटें प्राप्त हुईं, जिसमें ३ प्रकार की ईटों का ( दे० चित्र सं ० ९ ) ब्यौरा निम्नलिखित है । पहली दूसरी तीसरी
नक्काशीदार ईंटें ईंटों की लम्बाई
ईंटों की चौड़ाई ईंटों की ऊंचाई
७.३ इंच
५ इंच ५ इंच १३ इंच २ इंच
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१२. १० से लेकर १२ गोलाकार ईंटें प्रात हुई ।
१३. कई अर्द्ध गोलाकार ईंटें प्राप्त हुई ।
१४. ३.३० मीटर की गहराई में एक दीवाल जिसकी लम्बाई ४.५ मीटर है, उस पर एक मनुष्य की खोपड़ी प्राप्त हुई । यह दीवाल उत्तरी खाई के दक्षिणी तरफ है । ( दुर्भाग्यवश उत्खनन के समय नष्ट हो गई )
फ्यूरर' के अनुसार कुशीनगर तथा सहेत- महेत के टीलों की भाँति
५ इंच
इच
१. फ्यूरर, ए०, मानुमेण्टल एण्टीक्विटीज एण्ड इंस्क्रिप्शन्स इन नार्थ वेस्टर्न प्राविसेज एण्ड अवध, आर्कियोलाजिकल सर्वे आव इण्डिया, पृ० ३१०, वाराणसी, १९६९
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