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________________ ११४ : महावीर निर्वाणभूमि पावा : एक विमर्श भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग, पटना मण्डल द्वारा डॉ० अरुण कुमार के निर्देशन में उक्त टोले का उत्खनन दिनांक २६-१-१९८५ से १५-३-१९८५ तक किया गया था। उत्खनन की रिपोर्ट अभी तक अप्रकाशित है। इसका पूर्ण विवरण प्रस्तुत करना सम्भव नहीं है। उत्खनन की अवधि में मैंने कई बार इस टीले का निरीक्षण किया जो कुछ तथ्य मेरे सामने आये, वे इस प्रकार हैं१. वास्तविकता यह है कि पुरातात्त्विक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण मुख्य टीले के शीर्ष भाग का उत्खनन अब तक हुआ ही नहीं। २. पूरब दिशा में मुख्य टीले का प्लेटफार्म अलग से दिखाई देता है। यह धारणा पूरी तरह सत्य नहीं है कि उत्तर एवं दक्षिण की दीवारों का एक दूसरे से सम्बन्ध नहीं है, क्योंकि अभी तक धरातल तक उत्खनन नहीं हुआ है, जिससे अन्तिम निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके। ३. मुख्य टीले के पश्चिमी भाग का उत्खनन नहीं किया गया है । ४. उत्तर की दीवार के अन्दर उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम लेते हुए नीचे के धरातल ( Basement ) तक उत्खनन करवाने के पश्चात् ही निर्मित स्थली के वास्तविक स्वरूप की सूचना प्राप्त होगी। ५. जहाँ तक छोटे टीले के उत्खनन का प्रश्न है उसमें केवल उत्तर की तरफ पश्चिमी किनारे पर उत्खनन हुआ है। किन्तु पूर्वी-दक्षिणी तथा पश्चिमी भाग में उत्खनन सम्बन्धी कार्य नहीं हुआ, जिसका उत्खनन धरातल तक करने की आवश्यकता है। संक्षेप में कहा जा सकता है कि उक्त टीले की व्यवस्थित खुदाई नहीं हुई है, जो अत्यावश्यक है। खुदाई के विषय में पटना और दिल्ली में चर्चा चल रही है। यहाँ प्राप्त मूर्तियों आदि के विषय में जो सूचनायें हमें प्राप्त हैं, उनका विवरण इस प्रकार है१. हल्के बलुआ पत्थर में भगवान् बुद्ध की मुखाकृति, लम्बे कानों में कुण्डल पहने हुए धुंघराले केश ४४५ से०मी०।। २. काले पत्थर की निर्मित, स्मित मद्रा वालो भगवान् बुद्ध की मुखा कृति । कलात्मक दृष्टि से बहुत ही सुन्दर-१३ x १५ से०मी० । ३. बलुवे पत्थर से बनी हुई प्रभामण्डलयुक्त भगवान् बुद्ध की मुखाकृति १४ ४ ८ से०मी०। ४. बलुवे पत्थर से ही निर्मित कलात्मक ढंग का खम्भायुक्त आला (तक्ष) १५.५०x१० से०मी० । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002135
Book TitleMahavira Nirvan Bhumi Pava Ek Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwati Prasad Khetan
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size12 MB
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