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________________ उत्तर में दक्षिण में पूरब पश्चिम में - उत्तर से दक्षिण की पूर्व में उत्तर से दक्षिण की परिमाप — ― पावा- पड़रौना अनुशीलन : ११३ पूरब से पश्चिम की लम्बाई २३९ फीट से पश्चिम की लम्बाई २५८ फीट चौड़ाई १२८ फीट चौड़ाई २३३ फीट ८५८ फीट ऊँचाई १२' ८' ऊपर के बिन्दु से उत्तर की दूरी ११४ / थी । कनिंघम' ने सम्भावना व्यक्त की है कि इस टीले पर बौद्ध विहार निर्मित रहा होगा । विहार में १०० वर्ग फीट क्षेत्रफल वाले आँगन के चारों ओर आवासीय कमरे रहे होंगे । कमरों के मध्य आँगन में स्तूप अथवा मन्दिर रहा होगा। इस बौद्ध विहार का प्रवेश द्वार पूरब दिशा में प्रतीत होता है। गोरखपुर गजेटियर में भी सम्भावना व्यक्त की गई है कि टीले पर एक बौद्ध विहार होना चाहिये और उसके मध्य में एक प्रमुख स्तूप होना चाहिये । पावा के नागरिकों के द्वारा बुद्ध का महापरिनिर्वाण हो जाने पर उनके धातु अवशेषों के ८वें भाग को भूमि के अन्दर रखकर उस पर यह स्तूप निर्मित करवाया गया था । Jain Education International कर्निघम' की दृष्टि में टीले से उपलब्ध गोल, सूजापट्टी तथा कुछ गोल किनारे वाली ये ईंटें बोध गया के प्रसिद्ध विशाल मन्दिर तथा गिरियक के स्तूपों में प्रयुक्त ईंटों से साम्य रखती हैं। कनिंघम ने ईंटों के आकार के आधार पर यहाँ दो स्तूपों के होने की सम्भावना व्यक्त की है । एक स्तूप ३० फीट परिधि एवं दूसरा ९ फीट परिधि का था । उत्खनन में उन्हें भूरे रंग के बाक्साइट पत्थर का स्तम्भ प्राप्त हुआ जो ५ इंच का वर्गाकार था। इस आधार की ऊँचाई ६ फीट १३ इंच थी । स्तम्भ के ऊपरी किनारे परसादी कलात्मक धारियाँ निर्मित थीं । उन्हें उस प्राचीन टीले से महात्मा बुद्ध की भी कई प्रतिमायें प्राप्त हुई थीं । १. कनिंघम, ए०, आर्कियोलाजिकल सर्वे आव इण्डिया रिपोर्ट, खण्ड १, पृ० ७४-७५ २. गोरखपुर गजेटियर्स, खण्ड ३१, पृ० २७९-२८९ ३. कनिंघम, ए०, आर्कियोलाजिकल सर्वे आव इण्डिया रिपोर्ट, खण्ड १, पृ० ७४-७५ ४. कनिंघम, ए० ऐंश्येण्ट ज्याग्रफी आव इण्डिया, पृ० ३६६ ८ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002135
Book TitleMahavira Nirvan Bhumi Pava Ek Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwati Prasad Khetan
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size12 MB
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