SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 100
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ८० : महावीर निर्माणभूमि पावा : एक विमर्श प्रकाश में आते हैं । जे० डी० बेंगलर' के अनुसार इस मन्दिर में कुछ प्राचीन मूर्तियाँ हैं जो आज से शताब्दियों पहले खण्डित हो जाने के कारण अपूज्य हो गई थीं। डॉ० गुलाबचन्द्र चौधरी ने बताया है कि इन मूर्तियों में से एक पर संवत् १२६० का अभिलेख उत्कीर्ण है – “संवत् १२६० ज्येष्ठ सुदी २ रेनुमा ? प्र० चोराकेनात्मक श्रेयोऽर्थं श्री महावीर बिम्बकारितं प्रतिष्ठितं च श्री अभयदेवसूरिभिः । पूर्णचन्द नाहर ने भी इसकी पुष्टि की है। इस प्रकार पावापुरी का सबसे प्राचीन अभिलेख सत् १२०३ ई० का है, जिसके अनुसार वि० ० सं० १२६० ज्येष्ठ सुदी २ में श्री महावीर का बिम्ब तैयार हुआ जिसे अभयदेवसूरि द्वारा प्रतिष्ठित किया गया था । इसमें न तो इस स्थल को महावीर निर्वाण स्थली बताया गया है और न उसकी निर्वाण स्थली के रूप में पावापुरी का नाम अंकित है । डॉ० गुलाबचन्द्र चौधरी ने भी इस तथ्य का उल्लेख किया है कि इसमें न तो स्थान का नाम उत्कीर्ण है और न इसमें महावीर की निर्वाण स्थली होने का कोई दावा ही पेश किया गया है । अनुमानतः भक्तों द्वारा पूजा-अर्चना की सुविधा हेतु अतीत काल में राजगृह आदि स्थानों से लाकर इस मूर्ति को यहाँ स्थापित किया गया था । ग्राम मन्दिर का दूसरा अभिलेख मुगल सम्राट शाहजहाँ के शासन काल का है जिसे बुकनन ने लिपिबद्ध किया है । उनके मतानुसार वहाँ से प्राप्त अभिलेखों में सबसे प्राचीन अभिलेख विक्रम संवत् १६०५ ( १५४८ ई० ) का है । भण्डारकर की सूची में इस अभिलेख को वि संवत् १६९७ ( १६४० ) का माना गया है । किन्तु बाद के विद्वानों ने इसको बैसाख सुदी ५ वि० संवत् १६९८ ( १६४९ ई० ) का माना है । १. आर्कियोलाजिकल सर्वे आव २. डॉ० चौधरी, गुलाबचन्द्र, पृ० ४९ । ३. नाहर, पूर्णचन्द – जैन लेख संग्रह भाग ३, पृ० २७३ इंडियन मिरर स्ट्रीट कलकत्ता १९२७ । इंडिया रिपोर्ट ८, १७२-७३, पृ० ७७ । भगवान महावीर की निर्वाण भूमि पावा, ४. डॉ० चौधरी गुलाबचन्द्र, भगवान महावीर की निर्वाण भूमि पावा, पृ० ४९-५० । ५. मान्टगोमरी मार्टिन, एम० आर० - हिस्ट्री एन्टीक्विटीज | टोपोग्राफी एण्ड स्टैटिस्टिक्स आव ईस्टर्न इण्डिया, खण्ड १, पृ० १६८-६९ ६. भण्डारकर लिस्ट - १००३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002135
Book TitleMahavira Nirvan Bhumi Pava Ek Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwati Prasad Khetan
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy