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________________ यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन २९. देवसूरि ने ३५० श्लोकों में यशोधरचरित्र लिखा । इनके समय आदि का पता नहीं चलता ( जैन ग्रन्थावलि, पृ० २३०) | ५४ t ३०. सोमकीर्ति ने पुरानी हिन्दी मे यशोधररास लिखा । इसके रचना काल का पता नहीं चलता । यह संवत् १६६१ के लिखे एक गुटके में उपलब्ध है । ' ३१. परिहरानन्द ने हिन्दी पद्यों में संवत् १६७० में यशोधरचरित लिखा । इसकी संवत् १८३९ की पाण्डुलिपि बधीचन्द्रजी का मंदिर, जयपुर में सुरक्षित है । १२ ३२. साह लोहट ने पद्मनाभ के यशोवरचरित के आधार पर हिन्दी यशोधरचरित्र लिखा । इसका रचनाकाल संवत् १७२१ है । इसकी संवत् १८०३ की प्रति उपलब्ध है । १३ ३३. खुशालचन्द्र ने संवत् १७८१ में हिन्दी में यशोधरचरित्र लिखा । इसकी प्राचीनतम प्रति संवत् १८०१ की उपलब्ध है । ४ ३४. अजयराज ने हिन्दी में यशोधर चोपई लिखी । इसकी संवत् १८३९ की पाण्डुलिपि उपलब्ध है । '५ ३५. गारवदास ने हिन्दी पद्यों में यशोधरचरित्र लिखा । इसका रचनाकाल संवत् १५८१ है । १६ ३६. पन्नालाल ने हिन्दी गद्य में यशोधरचरित्र लिखा । इसका रचनाकाल संवत् १९३२ है । १७ ३७. एक प्रति हिन्दी यशोधरचरित्र की जैन मन्दिर संधी जी के शास्त्र भंडार, जयपुर में वेष्टन संख्या ६११ में है । इसके लेखक, रचनाकाल आदि का पता नहीं चलता । १८ ११ वही, पृ० ३७६ १२. राजस्थान के शास्त्र - भंडारों की सूची, भाग ३ पृ०७५ १३. आमेर शास्त्र-भंडार सूची, पृ० ११६ १४. वही १५. राजस्थान के शास्त्र भण्डारों की सूची, भाग ३, पृ० ७७ १६. वहीं, भाग ४, पृ० १६१ १७. वही, पृ० १६२ १८. वही, पृ० १६३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002134
Book TitleYashstilak ka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1967
Total Pages450
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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