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________________ यशस्तिलक और सोमदेव सूरि पुरातत्त्व, कला, इतिहास और साहित्य की सामग्री के साथ तुलना करने पर इसकी प्रामाणिकता और उपयोगिता और भी परिपुष्ट होती है। एक बड़ी विशेषता यह भी है कि सोमदेव ने जिस विषय का स्पर्श भी किया उस विषय में पर्याप्त जानकारी दी। इतनी जानकारी कि यदि उसका विस्तार से विश्लेषण किया जाये तो प्रत्येक विषय का एक लघुकाय स्वतन्त्र ग्रन्थ तैयार हो सकता है । यशस्तिलक पर श्री देव कृत यशस्तिलकपंजिका नामक एक संक्षिप्त संस्कृत टीका है । इसे संस्कृत टिप्पण कहना अधिक उपयुक्त होगा। यद्यपि इनके समय का ठीक पता नहीं चलता, फिर भी ये सोमदेव से अधिक बाद के नहीं लगते । सोलहवीं शती में श्रुतसागर सूरि ने यशस्तिलकचंद्रिका नामक संस्कृत टीका लिखी। यह लगभग साढ़े चार आश्वासों पर है। संभवतया वे इसे पूरा नहीं कर सके । श्रीदेव ने पंजिका में यशस्तिलक के विषयों को इस प्रकार गिनाया है - १ छन्द, २ शब्द निघंटु, ३ अलंकार, ४ कला, ५ सिद्धान्त, ६ सामूद्रिक ज्ञान, ७ ज्योतिष, ८ वैद्यक, ६ वेद, १० वाद, ११ नाट्य, १२ काम, १३ गज, १४ अश्व, १५ प्रायुध, १६ तर्क, १७ पाख्यान, १८ मंत्र, १६ नीति, २० शकुन, २१ वनस्पति, २२ पुराण, २३ स्मृति, २४ मोक्ष, २५ अध्यात्म, २६ जगस्थिति और २७ प्रवचन । यदि श्रीदेव के अनुसार ही यशस्तिलक के विषयों का वर्गीकरण किया जाये तो इस सूची में कई विषय और जोड़ने होंगे। जैसे- भूगोल, वास्तुशिल्प, यन्त्रशिल्प, चित्रकला, पाक विज्ञान, वस्त्र और वेशभूषा, प्रसाधन सामग्री और आभूषण, कला-विनोद, शिक्षा और साहित्य, वाणिज्य और सार्थवाह, सुभाषित आदि । इस सूची के कई विषयों का समावेश सोमदेव ने यशस्तिलक में प्रयत्नपूर्वक किया है। उनका उद्देश्य था कि दशमी शताब्दि तक की अनेक साहित्यिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों का मूल्यांकन तथा उस युग का सम्पूर्ण चित्र अपने ग्रन्थ में ७. छन्दः शब्दनिर्घटवलंकृतिकलासिद्धान्तसा मुद्रकश्योतिर्वैद्यकवेदवादभरतानंगद्विपाश्वायुधम् । तर्काख्यानकमंत्रनीतिशकुनक्ष्माण्ट पुराणस्मृतिश्रेयोऽध्यात्मजगत्स्थितिप्रवचनीव्युत्पत्तिरत्रोच्यते ॥ -यशस्तिलकपंजिका श्लोक २ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002134
Book TitleYashstilak ka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1967
Total Pages450
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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