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परिच्छेद पाँच
सरोवर और नदियाँ
१. मानस
यशस्तिलक में मानस या मानसरोवर तथा उसमें हंसों के निवास का उल्लेख है। विश्वनाथ कविराज ने लिखा है कि कवि-समय में ऐसी प्रसिद्धि है कि वर्षा के आते ही हंस मानसरोवर के लिए चले जाते हैं।२ कालिदास ने इस तथ्य का उल्लेख किया है।
___ मानसरोवर झील हिमालय पर नेपाल के उत्तर और तिब्बत के दक्षिण में ब्रह्मपुत्र के उद्गम स्थान के समीप कैलास चोटी के निकट दक्षिण में है । २. गंगा ___ गंगा के विषय में यशस्तिलक में पर्याप्त जानकारी आयी है। गंगा हिमालय से निकलती है। इसमें एक बार भी स्नान करने से पाप दूर हो जाते हैं। हिमालय के शिखरों पर आश्रम बनाकर रहने वाले तापस लोग गंगा के जल का उपयोग करते थे। गंगा के किनारे-किनारे भी तपस्वियों के आश्रम थे।"
गंगा का दूसरा नाम भागीरथी था। उस समय भी भागीरथी के विषय में यह प्रसिद्ध था कि महादेव उसे सिर से धारण करते हैं।
गंगा का एक नाम जाह्नवी भी था। जाह्नवी में स्नान करने के लिए दूरदूर से लोग जाते थे। ठंड के दिनों में भी लोग जाह्नवी में स्नान करने से नहीं चूकते थे, भले ही ठंड से अकड़ जायें ।
१. मानसहंसविलासिनि । - पृ० ५७४ २. प्रावृषि, मानसं यान्ति हंसाः। - साहित्यदर्पण ७।२३ ३. पाकैलासाद् विषकिसलयाच्छेदपाथेयवन्तः । - मेघदूत पूर्व० १४ ४. पृ० ३२२-२७ ५. या नाकलोकमुनिमानसकल्मषाणां काश्यं करोति सकृदेव कृताभिषेकम् । - वही ६. प्रालेयशैलशिखराश्रमतापसाना, सेव्यं च यस्तव तदम्बु मुदेऽस्तु गांगम् । - वही ७. यास्तीराश्रमवासितापसकुलैः। - वही ८. ऊयन्ते शशिमौलिना च शिरसा"भागीरथीसम्भवाः । - वही 8. जाह्नवीजलेषु मज्जनाय वजन् । -पृ ३२७ उत्त० १०. जाह्नवीजलमज्जनजातजड़भावे । - वही
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