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यशस्तिलककालीन भूगोल
२९५ एक अन्य स्थल पर नेपालदेश का भी उल्लेख है। ६. प्रागद्रि
प्रागद्रि या उदयाचल का भी एक बार उल्लेख है । ७. भीमवन
शंखपुर के समीप में भीमवन था। उस प्रदेश में किरातों का राज्य था । भीमनामक किरातराज भीमवन में शिकार खेलने आया ।
८. मन्दर
मन्दर का अर्थ टोकाकार ने अस्ताचल किया है ।११
९. मलय
मलय पर्वत का एक बार उल्लेख है। सोमदेव ने लिखा है कि मलयपर्वत को तलहटी में लताएं अधिक थीं । १२
१० मुनिमनोहरमेखला __ राजपुर के समीप ही एक छोटी-सी पहाड़ी थी जिसे मुनिमनोहरमेखला कहते थे। ११. विन्ध्या
विन्ध्याचल का दो बार उल्लेख है। विन्ध्या में मातंगों की बस्तियां थीं ।१४ विन्ध्या के दक्षिण में श्रीसमृद्ध करहाट नाम का जनपद था ।१५
७. पृ० ४७० ८. पृ० २१३ ६. शंखपुराभ्यर्णभागिनि भीमवननाम्नि कानने। - पृ० २०३ उत्त० १०. मृगयाप्रशंसनमागतेन भीमनाम्ना किरातराजेन । - वही ११. मन्दरश्चास्तपर्वतः।- पृ० २१४, सं० टी० १२. मलयमेखलालतान र्तनकुतूहलित। - पृ० ५७६ १३. राजपुरस्याविदूरवतिनं मुनिमनोहरमेखलं नाम खर्वतरं पर्वतम् ।- पृ० १३२ १४. पृ० ३२७ उत्त० १५. विन्ध्यादक्षिणस्यां दिशि "करहाटो नाम जनपदः। - १८२, वही
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