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________________ यशस्तिलककालीन भूगोल २८९ माहिष्मती पूर्व कल्चुरी नरेशों की राजधानी थी । कल्चुरी ने महाराष्ट्र पर आन्ध्रभ्रत्य के पतन और चालुक्यों के उत्थान काल में शासन किया । ४९ कल्चुरी साम्राज्य के संस्थापक कृष्णराज छठी शताब्दी के मध्य में माहिष्मती में रहे। बाद में राजधानी जबलपुर के पास त्रिपुरी में चली गयी । ८० २६. राजपुर राजपुर यौधेय की राजधानी थी ।" यौधेय को पहिचान भावलपुर के वर्तमान जोहियों से की जाती है। प्राचीन काल में यह एक बहुत बड़ा प्रदेश था । १२ मुल्तान के दक्षिण में बहावलपुर स्टेट ( पश्चिमी पाकिस्तान ) का राजनपुर ही प्राचीन राजपुर प्रतीत होता है । ३०. राजगृह बिहार प्रान्त का वर्तमान राजगृहो । यहाँ को पाँच पहाड़ियों के कारण यह पंचशैलपुर भी कहलाता था ।' 23 ३१. वलभी वलभी का दो बार उल्लेख है । १४ यह सौराष्ट्र के मैतृकों की राजधानी थी । भावनगर के उत्तर-पश्चिम में लगभग २० मील पर वला नाम से आज उसके भग्नावशेष पाये जाते हैं । ३२. वाराणसी वर्तमान वाराणसी । सोमदेव ने वाराणसी को काशी जनपद में बताया है । ५५ ३३. विजयपुर यशस्तिलक के अनुसार विजयपुर मध्यप्रदेश में था । ६ ४६. भण्डारकर - अरली हिस्ट्री ऑबू डेक्कन, तृ० सं०, नोट्स पृ० २५१ A ५०. इण्डि० हिस्टॉ० क्वा०, वाल्यूम २१, पृ० ८४ ५१ पृ० १३, हि० ५२. रेपसन - इण्डियन क्वाइन्स, पृ० १४ ५३. मगधदेशेषु राजगृहापरनामावसरे पंचशैलपुरे । - पृ० ३०४ उप्त ० ५४. आ० ७, क० २३; ३७७/५ द्दि० ५५. श्र० ७, क० ३१ ५६. श्र० ६, क० ७ १९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002134
Book TitleYashstilak ka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1967
Total Pages450
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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