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यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन
२३. भावपुर
भावपुर का उल्लेख भी एक कथा के प्रसंग में आया है।४२ २४. भूमितिलकपुर
यशस्तिलक के अनुसार भूमितिलकपुर जनपद नामक प्रदेश की राजधानी थी। 3 जनपद की अभी ठीक पहचान नहीं हो पायी है। यशस्तिलक की कथा से यह कुरुक्षेत्र के आस-पास का प्रदेश ज्ञात होता है। भूमितिलकपुर से निष्काषित दो मित्र कुरुजांगल के हस्तिनापुर में आकर ठहरते हैं । १४ । २५. मथुरा
यशस्तिलक में उत्तर मथुरा ( वर्तमान मथुरा ) तथा दक्षिण मथुरा ( वर्तमान मदुरा ) दोनों के उल्लेख हैं । ४५ २६. मायापुरी
मायापुरी इन्द्रकच्छ की राजधानी थी। इसका दूसरा नाम रोरुकपुर भी था।४६ २७. मिथिलापुर
मिथिलापुर का भी एक कथा के प्रसंग में उल्लेख हुआ है।४७ २८. माहिष्मती
माहिष्मतो का दो बार उल्लेख है। संस्कृत टीकाकार ने इसे यमुनपुर दिशा में बताया है ।४८ इन्दौर के पास नर्मदा के किनारे स्थित महेश्वर अथवा मध्यप्रान्त के निमाड़ जिले में स्थित मान्धाता से इसकी पहचान करनी चाहिए ।
४२. आ० ६, क० १५ ४३. आ० ६, क. ५ ४४. आ० ६, क० ५ ४५. श्रा०६, क० १० ४६. इन्द्रकच्छदेशेषु ( रोरुकपुर ) मायापुरीत्यपरनामावसरस्य पुरस्य प्रभोः ।
- पृ० २६४ उ० ४७. आ० ६, क. २० ४८. हिमालयमलयमगधमध्यदेशमाहिष्मतीपतिप्रभृतीनामवनिपतीनां बलानि ।-पृ०४६८
माहिष्मतीयुवतिरतिकुसुमचाप । - पृ० ५६८ माहिष्मतीनाम नगरी यमुनपुरदिशि पत्तनम् । - सं० टी०
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