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यशस्तिलककालीन भूगोल
२८७ १७. पद्मावतीपुर
पद्मावतीपुर को यशस्तिलक के टीकाकार ने उज्जयिनी बताया है ।३५ एक हस्तलिखित प्रति में भी किनारे पर यही नाम लिखा है। पर यह ठीक नहीं । पद्मावतीपुर वर्तमान पवाया है, जो ग्वालियर जिले में है। १८. पद्मिनीखेट . पद्मिनीखेट' का एक बार उल्लेख है ।३६ यहां के एक वणिक्पुत्र की कथा आयी है। यशस्तिलक से इसके विषय में और अधिक जानकारी प्राप्त नहीं होती। १६. पाटलिपुत्र ___पाटलिपुत्र वर्तमान का पटना है। यहां की वारविलासिनियों के उल्लेख आये हैं ।३७ ___एक अन्य पाटलिपुत्र का उल्लेख है। यह सौराष्ट्र ( काठियावाड़ ) का पालोताना है। २०. पोदनपुर
अश्मक के प्रसंग में पोदनपुर के विषय में लिखा जा चुका है। यह गोदा. वरी नदी के किनारे अश्मक को राजधानी थी।३९ २१. पौरव
पोरवपुर को संस्कृत टीकाकार ने अयोध्या कहा है।४० २२. बलवाहनपुर
एक कथा के प्रसंग में बलवाहनपुर का उल्लेख है।४१ ।
३५. पृ० ५६६ ३६. प्रा० ७, क० २७ ३७. पाटलिपुत्रपण्यांगनाभुजंग । - पृ० ३७७।४ हि० ३८. मा० ६, क. १२ ३६. रम्यकदेशनिवेशोपेतपोदनपुरनिवेशिनो।–३५० उ० ४०. पृ० ६८, ४१. श्रा० ६, क० १५
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