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१२. कुसुमपुर
पाटलिपुत्र का दूसरा नाम कुसुमपुर था ( आ०४ ) |
१३. कौशाम्बी
. कौशाम्बी का दो बार उल्लेख है । 3° इसकी पहचान इलाहाबाद के पश्चिम में करीब बीस मील दूर जमुना के किनारे स्थित कोसम नामक स्थान से की जाती है । सं० टोकाकार ने लिखा है कि कौशाम्बी नगरी वत्स देश में गोपाचल ( ग्वालियर ) से ( ४४ गव्यूति ) ८८ कोस दूर है ।
३१
यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन
बौद्ध ग्रन्थों में ( महासुदरसन सुत्तन्त ) कौशाम्बी को एक बहुत बड़ी नगरी बताया गया है ।
१४.
चम्पा
सोमदेव के अनुसार चम्पा प्राचीन अंगदेश की राजधानी थी । ३२ बिहार प्रान्त के भागलपुर और मुंगेर जिले के आस-पास का भाग अंग कहलाता था । चम्पा वर्तमान भागलपुर के पास माना जाता है ।
१५. चुंकार
यशस्तिलक में बृहस्पति की कथा के प्रसंग में चुंकार का उल्लेख आया है । 33 लोचनांजनहर नामक एक बदमाश ने साधुचरित बृहस्पति की बदनामी उड़ा दी । फल यह हुआ कि मिथ्यावाद के कारण वे इन्द्रसभा में प्रवेश न पा सके ।
१६. ताम्रलिप्ति
यशस्तिलक के अनुसार ताम्रलिप्ति पूर्वदेश के गौड़मण्डल में था 13 वर्तमान तामलुक जो कि बंगाल के मिदनापुर जिले में है, से इसकी पहचान की जाती है ।
३०. पृ० ३७७ ४, ६०, ३२६ / ६ उत्त० ३१. पृ० ५६८, सं० टी०
३२. अंगमण्डलेषु चम्पायां पुरि । - ३३. पृ० १३८ उत्त०
३४. ० ६, क० १२
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• आ०६, क० ८
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