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३४. हस्तिनापुर
यशस्तिलक में हस्तिनापुर का दो बार उल्लेख है । सोमदेव के अनुसार यह नगर कुरुजांगल जिले में था । ४७ कुरुजांगल को एक स्थान पर केवल जांगलदेश भी कहा है । " यशोधर के अन्तःपुर में कुरुजांगल की कामिनियों का उल्लेख है । ५९
यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन
३५. हेमपुर
एक कथा के प्रसंग में हेमपुर का उल्लेख है ।
३६. स्वस्तिमति
सोमदेव ने लिखा है कि स्वस्तिमति डहाल प्रदेश में यो । ६१ डहाल चेदि राजाओं की राजधानी थो । यशस्तिलक के उल्लेखों से ज्ञात होता है कि वहाँ गन्नों की अच्छी खेती होती थी । ६२ वहाँ पर अभिचन्द्र, द्वितीय नाम विश्वावसु, नाम का राजा राज करता था । ६३ उसकी वसुमति नाम की पटरानी थी । ६४ उनके लड़के का नाम वसु तथा पुरोहित का क्षोरकदम्ब था । क्षीरकदम्ब की पत्नी का नाम स्वस्तिमति तथा लड़के का नाम पर्वत था ।
३७. सोपारपुर
यह मगध प्रान्त का एक नगर था । इसके निकट नाभिगिरि नाम का पर्वत था । ६५
३८. श्रीसागरम् ( सिरीसागरम् )
यशस्तिलक के अनुसार श्रीसागरम् अवन्ति जनपद में था । ६६
५७. कुरु जांगलमण्डले हस्तिनागपुरे । - प्रा० ६, क० २०
५८. श्र० ७, क० २८
५६. कुरुजांगल ललनाकुचतनुत्र - पृ० ६८७ हि०
६०. ० ६, क० १५
६१. डहालायामस्ति स्वस्तिमती नाम पुरी । पृ० ३५३ उत्त०
६२.
कामकोदण्डकारणकान्तारैरिवेक्षुवणावतारैर्विराजितमण्डलायाम् । पृ० ३५३ उत्त०
६३. तस्यामभिचन्द्रापरनामवसुविश्वावसुर्नाम नृपतिः । -
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पृ० ३५३ उत्त०
६४. वसुमतिनामाग्रमहिषी । - वही
६५. मगधविषये सोपारपुरपर्यन्तधाग्नि नाभिमिरिनाम्नि महीधरे । आ० ६, क० १५ ६६. श्र० ७, क० २६
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