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परिच्छेद ७ : वस्त्र और वेष-भूषा
तीन प्रकार के वस्त्र — वस्त्र, (३) अन्य गृहोपयोगी वस्त्र ।
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सामान्य वस्त्र —— नेत्र - नेत्र के प्राचीनतम उल्लेख, डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल द्वारा नेत्र वस्त्र पर प्रकाश, कालिदास का उल्लेख, बाणभट्ट के साहित्य में नेत्र, उद्योतनसूरि ( ७७९ ई०) कृत कुवलयमाला में नेत्र-वस्त्र, चौदह प्रकार के नेत्र, चौदहवीं शती तक बंगाल में नेत्र का उपयोग, नेत्र की पाचूड़ी, जायसी के पदमावत में नेत्र, भोजपुरी लोक गीतों में नेत्र । चीन - चीन देश से आने वाला वस्त्र, भारत में चीनी वस्त्र आने के प्राचीनतम प्रमाण, बृहत्कल्पसूत्र में चीनाशुंक की व्याख्या, चीन और वाल्हीक से आने वाले अन्य वस्त्र | चित्रपटी — बाणभट्ट की साक्षी, चित्रपट के तकिए । पटोल, गुजरात की पटोला साड़ी, पटोल की बिनावट का विशेष प्रकार । रल्लिका, रल्लक मृग या एक प्रकार का जंगली बकरा, रल्लक की ऊन से बने बेशकीमती गरम वस्त्र, युवांग च्वांग के उल्लेख । दुकूल, दुकूल की पहचान, आचारांग, निशीथचूर्णि तथा अर्थशात्र में दुकूल के उल्लेख, बंगाल पौंड्र तथा सुवर्णकुड्या के दुकूल वस्त्र, दुकूल की बिनाई का विशेष प्रकार, डॉ० अग्रवाल की व्याख्या, दुकूल का जोड़ा पहिनने का रिवाज हंस मिथुन लिखित दुकूल के जोड़े, दुकूल का जोड़ा पहनने की अन्य साहित्यिक साक्षी, दुकूल की साड़ियाँ, पलंगपोश, तकियों के गिलाफ आदि, दुकूल और क्षोम वस्त्रों में पारस्परिक अन्तर और समानता, कोशकारों की साक्षी । अंशुक - कई प्रकार के अंशुक, भारतीय तथा चीनी अंशुक, रंगीन अंशुक, अंशुक की विशेषताएँ । कौशेय — कौशेय के कीड़े, कौशेय की पहचान, कौशेय की चार योनियाँ । पोशाकें या पहनने के वस्त्र कंचुक, वारवाण, वारबाण की पहचान, वारबाण एक विदेशी वेश-भूषा, भारतीय साहित्य में वाराण के उल्लेख, चोलक, चोलक एक सम्भ्रान्त पहनावा, नौशे के अवसर पर चोलक का उपयोग, चोलक एक विदेशी पहनावा, चोलक के विषय में अब तक प्राप्त अन्य जानकारी । चण्डातक, उष्णीष, कौपीन, उत्तरीय, चीवर, आवान, परिधान, उपसंव्यान, परिधान और उपसंव्यान में अन्तर, गुह्या, हंसतूलिका, उपधान, कन्था, नमत, निचोल, या चन्दोवा, सिचयोल्लोच और वितान ।
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- ( १ ) सामान्य वस्त्र, (२) पोशाकें या पहनने के
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