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________________ बाम्रातक, पिचुमन्द, सोभाजन, वृहतीवार्ताक, एरण्ड, पलाण्डु, वल्लक, रालक, कोकुन्द, काकमाची, नागरंग, ताल, मन्दर, नागवल्ली, वाण, असन, पूग, अक्षोल, खजूर, लवली, जम्बीर, अश्वत्थ, कपित्थ, नमेरु, राजादन, पारिजात, पनस, ककुभ, वट, कुरवक, जम्बू, दर्दरीक पुण्ड्रेक्षु, मृद्वीका, नारिकेल, उदुम्बर, प्लक्ष । तैयार की गयी सामग्रीभक्त, सूप, शष्कुली, समिध, यवागू, मोदक, परमान्न, खाण्डव, रसाल, आमिक्षा, पक्वान्न, अवदंश, उपदंश, सपिषिस्नात, अंगारपाचित, दघ्नापरिप्लुत, पयसाः विशुष्क, पर्पट । मांसाहार और मांसाहार निषेध-जैनधर्म में मांसाहार का विरोध, कौल, कापालिक आदि सम्प्रदायों में मांसाहार की धार्मिक अनुमति, बध्य पशु-पक्षी-मेष, महिष, मय, मातंग, मितंद्रु, कुंभीर, मकर, सालूर, कुलीर, कमठ, पाठीन, भेरुण्ड, क्रौंच, कोक, कुर्कुट, कुरर, कलहंस, चमर, चमूरु, हरिण, हरि, वृक, वराह, वानर, गोखुर । क्षत्रिय तथा ब्राह्मण परिवारों में मांस का व्यवहार, यज्ञ और श्राद्ध में मांस प्रयोग, मनुस्मृति की साक्षी, छोटी जातियों में मांस प्रयोग, मांसाहार-निषेध । परिच्छेद ६ : स्वास्थ्य, रोग और उनकी परिचर्या .... १०८-१२० खान-पान और स्वास्थ्य का अनन्य सम्बन्ध, मनुष्यों की विभिन्न प्रकार की प्रकृति, जठराग्नि, ऋतुओं के अनुसार प्रकृति परिवर्तन, ऋतु-चर्या, ऋतुओं के अनुसार खाद्य और पेय । भोजन-पान के विषय में अन्य जानकारी-भोजन का समय, सह भोजन, भोजन के समय वर्जनीय व्यक्ति, अभोज्य पदार्थ, भोज्य पदार्थ, विषयुक्त भोजन, भोजन के विषय में अन्य नियम, भोजन करने की विधि । रात्रिशयन या निद्रा। नीहार या मलमूत्र विसर्जन, तैल मालिश, उबटन, स्नान, स्नानोपरान्त भोजन, व्यायाम। रोग और उनकी परिचर्या-अजीर्ण-विदाहि और दुर्जर, अजीर्ण के कारण, अजीर्ण के प्रकार, अजीर्ण की परिचर्या, दृग्मान्द्य, वमन, ज्वर, भगन्दर, उसका पूर्वरूप, लक्षण, प्रकार और उसकी परिचर्या, गुल्म, सितश्वित । औषधियां-मागधी, अमृता, सोम, विजया, जम्बूक, सुदर्शना, मरुद्भव, अर्जुन, अभीरु, लक्ष्मी, वृती, तपस्विनी, चन्द्रलेखा, कलि, अर्क, अरिभेद, शिवप्रिय, गायत्री, ग्रन्थिपर्ण पारदरस। आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य-काशिराज, निमि, चारायण, धिषण, चरक । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002134
Book TitleYashstilak ka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulchandra Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1967
Total Pages450
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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