________________
१२०
यशस्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन
1
उपलब्ध होता है । ६२ सोमदेव के ही दूसरे ग्रन्थ नीतिवाक्यामृत में चारायण के कई उद्धरण आये हैं, किन्तु वे सभी नीतिविषयक होने से, यह कहना कठिन है कि चारायण ने किसी वैद्यक ग्रन्थ की रचना की हो ।
धिषण - धिषण का अर्थ श्रुतसागर ने बृहस्पति किया है । बृहस्पतिकृत वैद्यक ग्रन्थ का पता नहीं चलता ।
चरक—चरककृत चरकसंहिता वैद्यक शास्त्र का महत्वपूर्ण ग्रन्थ है । आजकल यह वैद्यक का अत्यन्त उपयोगी ग्रन्थ माना जाता है ।
६२. सायं चारायणस्य । १।४।०२
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org