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उल्लेख है।
सास्वादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि
और अयोगी केवलीदशा का पूर्ण अभाव।
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अप्रमत्तसंयत, अपूर्वकरण (निवृत्ति बादर ) अनिवृत्तिकरण ( अनिवृत्ति बादर ) जैसे नामों का अभाव। उपशम और क्षय का विचार है, किन्तु ८वें गुणस्थान से उपशम और क्षायिक श्रेणी से अलग-अलग आरोहण होता है, ऐसा विचार नहीं है। पतन की अवस्था का कोई चित्रण नहीं।
सास्वादन ( सासादन ) और । सास्वादन, सम्यग्मिथ्यादृष्टि अयोगीकेवली अवस्था का पूर्ण | ( मिश्रदृष्टि ) और अयोगी अभाव, किन्तु सम्यग्मिथ्यादृष्टि | केवली आदि का उल्लेख है। की उपस्थिति। अप्रमत्तसंयत, अपूर्वकरण (निवृत्ति बादर ) अनिवृत्तिकरण ( अनिवृत्ति बादर ) जैसे नामों का अभाव। उपशम और क्षपण का विचार अलग-अलग श्रेणीहै किन्तु ८वें गुणस्थान से विचार उपस्थित। उपशम श्रेणी और क्षपक श्रेणी से अलग-अलग आरोहण होता है, ऐसा विचार नहीं है। पतन की अवस्था का कोई पतन आदि का मूल पाठ चित्रण नहीं।
में चित्रण नहीं है।
गुणस्थान सिद्धान्त : एक विश्लेषण
अलग-अलग श्रेणी विचार उपस्थित।
पतन आदि का व्याख्या में चित्रण है।
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