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विभक्ति
चतुर्थी षष्ठी
सप्तमी
सम्बोधन
एक वचन प्रत्यय
ए
प्रत्ययलोप
(.) अनुस्वार
उवासग० प्रयोग
गाहावईणीए (उवा० सू० २४३) पुढवीए (उवा० सू० २५३)
भो ! रेवई ( उवा० सू० २५५ )
नपुंसकलिंग शब्द
सवच्छराई ( उवा० सू० २४० )
प्रथमा
द्वितीया
बकाया रूप अकारान्त पुल्लिंग की तरह चलते हैं।
बहुवचन प्रयोग
उवासग० प्रयोग
सवत्तीणं ( उवा० सू० २३८ )
णि अतराणि छिद्दाणि ( उवा ० सू० २३८ )
उपासकदशांग का रचनाकाल एवं भाषा
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