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________________ १८६ उपासकदशांग : एक परिशीलन अतः इसमें पूर्णरूप से स्त्री-सेवन का परित्याग करना होता है, साथ ही कामोत्तेजना पैदा करने वाले शृङ्गारिक वेश-भूषा, स्त्री के अंगोपांगों को निहारना आदि भी त्याज्य माने हैं । वैसे दिगम्बर साहित्य में इस प्रतिमा का क्रम सातवाँ है परन्तु हमारा आधार उपासकदशांगसूत्र है, इस कारण ब्रह्मचर्यं प्रतिमा के स्वरूप का प्रतिपादन उसी के आधार पर किया गया है । ७. सचित्त आहारवर्जन प्रतिमा इसमें गृहस्थ सब प्रकार के बीजयुक्त और सचित्त आहार का त्याग कर देता है, किन्तु इसमें गृहस्थ के कार्यों को करता हुआ आरम्भ का त्याग नहीं कर पाता है । उपासकदशांगसूत्रटीका में कहा गया है कि पूर्वोक्त सभी प्रतिमाओं का परिपालन करता हुआ समस्त सचित्त आहार का त्याग कर देता है वह सचित्ताहार प्रतिमाधारी है। इसका समय उत्कृष्ट सात मास का है । " दशाश्रुतस्कन्ध में दिन-रात ब्रह्मचर्य के पालन के साथ वह पूर्णरूप से सचित्तआहार का परित्याग करता है, वह गृह- आरंभ का अपरित्यागी सचित्त आहार प्रतिमाधारी है । इसमें गृहस्थ उस प्रतिमा को एक, दो दिन तथा उत्कृष्ट सात मास तक पालन करता है । दिगम्बर परम्परा में इसको पाँचवें क्रम पर रखा है, परन्तु जहाँ स्वरूप के विभिन्न पहलुओं को दृष्टिगत करना हो तो उसका विवेचन यहाँ करना अधिक उचित है, दिगम्बर परम्परा में इसको सचित्तविरत नाम दिया गया है । रत्नकरण्डकश्रावकाचार, कार्तिकेयानुप्रेक्षा, चारित्रसार, वसुनन्दिश्रावकाचार और गुणभूषणश्रावकाचार में कच्चे मूल, फल, शाक, शाखा, कैर, फूल और बोजों को जो नहीं खाता है वह सचित्तविरतप्रतिमा का धारी बताया गया १. " सच्चित्तं आहारं वज्जइ असणाइयं निरवसेसं । सेसवय समाउत्तो जा मासा सत्त विहिपुव्वं ॥ " - उपासकदशांगसूत्रटीका - अभयदेव, पृष्ठ ६७ २. " ओवरायं वा बंभयारी सचित्ताहारे से परिणाय भवति । आरंभे से अपरा भवति । से णं एयारुवेणं विहारेणं विहरमाणेजहण्णेणं एगाहं वा दुआहं वा तिआहं वा जाव उक्कोसेणं सत्तमासे विहरेज्जा" - दशाश्रुतस्कन्ध, ६/२३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002128
Book TitleUpasakdashanga aur uska Shravakachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhash Kothari
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year1988
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size9 MB
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