________________
विषयानुक्रमणिका
प्रथम अध्याय : आगम साहित्य एवं उपासकदशांग १-२०
आगम शब्द का अर्थ, पर्यायवाची शब्द, आगम की
परिभाषाएँ बागम साहित्य का महत्त्व-आध्यात्मिक मूल्य, दार्शनिक
दृष्टि, धार्मिक विवेचन, सांस्कृतिक व सामाजिक सामग्री, भौगोलिक विवरण, कलात्मकदृष्टि आगमों की मौखिक परम्परा, आगमों का विच्छेदक्रम, आगम वाचनाएँ, आगम लेखन-परम्परा आगमों का वर्गीकरण-श्वेताम्बर परम्परानुसार,
दिगम्बर परम्परानुसार द्वितीय अध्याय : उपासकदशांग का परिचय
२१-२७ उपासकदशांग को पाण्डुलिपियाँ एवं परिचय उपासकदशांग के प्रकाशित संस्करण
उपासकदशांग का व्याख्या-साहित्य तृतीय अध्याय : उपासकवशांग को विषय-वस्तु एवं विशेषताएँ २८-५० विषय-वस्तु-आनन्द श्रावक, कामदेव श्रावक, चुलनोपिता
श्रावक, सुरादेव श्रावक, चुल्लशतक श्रावक, कुण्डकोलिक श्रावक, सकडालपुत्र श्रावक, महाशतक
श्रावक, नन्दिनीपिता श्रावक, सालिहिपिता श्रावक । विषय-वस्तु की विशेषताएँ-चारित्रों की उत्थापना एवं
विकास, परिवार में रहकर आत्म-कल्याण, साहित्यिक स्वरूप, तार्किक संवादों का प्रयोग, मानवमनोविज्ञान का समावेश
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org