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चतुर्थ अध्याय : उपासकदशांग का रचनाकाल एवं भाषा-विश्लेषण ५१-६९
उपासकवांग सूत्र का रचना काल भर्द्धमागधी एवं उपासकदशांग की भाषा का स्वरूप
प्राकृत शब्द की व्युत्पत्ति, प्राकृत के भेद, अर्द्धमागधी का स्वरूप, अर्द्धमागधी की भाषात्मक विशेषताएँ, उपासकदशांग में उल्लिखित विशेषताएंवर्ण-परिवर्तन सम्बन्धी विशेषताएँ-शब्द-रूपों की विशेषताएँ, कर्मणीप्रयोग, कृदन्त प्रयोग, संधि,
विचार, समासपद पंचम अध्याय : श्रावकाचार
७०-१९४ अणुव्रत शब्द का अर्थ, स्वरूप एवं वर्गीकरण (अ) विभिन्न अणुव्रत एवं अतिचार
७०-१२० (१) अहिंसाणुव्रत, अष्टमूलगुण, अतिचार (२) सत्याणुव्रत, अतिचार (३) अस्तेय अणुव्रत, अतिचार (४) ब्रह्मचर्य अणुव्रत, अतिचार (५) अपरिग्रह अणुव्रत, अतिचार
रात्रि-भोजन (ब) विभिन्न गुणवत व अतिचार
१२१-१४८ (१) दिग्वत, अतिचार (२) उपभोगपरिभोगपरिमाणवत, अतिचार,
पन्द्रह कर्मादान
(३) अनर्थदण्डविरमण व्रत, अतिचार (स) विभिन्न शिक्षाव्रत व अतिचार
१४९-१७३ (१) सामायिक व्रत, अतिचार (२) देशावकाशिकवत, अतिचार (३) पौषधोपवास व्रत, अतिचार (४) अतिथिसंविभाग व्रत, अतिचार
संल्लेखना, अतिचार
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