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अवतार को अवधारणा : २०१
अंशावतार परशुराम को हैहयवंश एवं दुष्ट क्षत्रियों का नाश करने वाला कहा गया है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि परशुरामावतार का मुख्य प्रयोजन भूतल पर दुष्ट क्षत्रियों का नाश करना कहा गया है।
७. राम अवतार
वैदिक साहित्य ऋग्वेद में यजमान राम, ऐतेरेय ब्राह्मण में भार्गवेय राम, शतपथ ब्राह्मण में तपस्वनी राम, जेमिनी उ० ब्राह्मण" में क्रनुजातेय राम, अथर्वसंहिता' और तैत्तिरीय ब्राह्मण में राम-कृष्ण का एक साथ उल्लेख हुआ है । हम देखते हैं कि वैदिक साहित्य में राम का बहुशः उल्लेख हुआ परन्तु कालान्तर में विकसित रामावतार की कथा का वैदिक राम से कोई सम्बन्ध है या नहीं, यह प्रश्न विचारणीय है। श्री जौकोबी ने 'वाल्मीकि रामायण' की समीक्षा कर राम का इन्द्र से सम्बन्ध स्थापित किया है।' राम की कथा वाल्मीकि रामायण और महाभारत दोनों में पायी जाती है। इन दोनों में कौन सा प्राचीनतम आख्यान है उसके बारे में विद्वानों में मतभेद है । 'महाभारत' के नारायणीयोपाख्यान में ६ एवं १० अवतारों की सूची में राम का नाम पाया जाता है। वाल्मीकि रामायण में राम को विष्णु के सदृश वीर्यवान कहा गया है। वाल्मीकि रामायण के प्रथम खण्ड में राम को विष्णु का अंशा
१. भागवत ९/१५/१५; १/३/२०; २/७/२२; ११/४/२१ २. ऋग्वेद १०/६३/१४ ३. ऐतरेय ब्राह्मण ७/२७/३४ ४. शतपथ ब्राह्मण ४/६१/७ ५. जैमिनी उ० ब्राह्मण ६. अथर्ववेद संहिता १/१३/१ ७. तैत्तिरीय ब्राह्मण २/४/४/१ ८. हिस्ट्री आफ क्लासिकल संस्कृत लिटरेचर, पृ० १३ ९. महाभारत, शान्तिपर्व, ३३९/७०-९०, १०३-१०४ १०. "विष्णुना सदृशोवीर्ये ।"
-वाल्मीकि रामायण १/१/१८
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