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________________ १८६ : तीर्थंकर, बुद्ध और अवतार : एक अध्ययन यह भी सम्भव है कि प्रारम्भ में राम विष्णु के समान तेज एवं वीर्यं से युक्त माने गये हों, और कालान्तर में इन्हीं गुणों के कारण उनमें अवतारत्व का आरोपण कर दिया हो । विष्णु के सदृश राम ने भी अवतार के रूप में देवताओं की सहायता की। वेदों में जिस प्रकार इन्द्र एवं विष्णु का आपसी सहयोग रहा है उसी प्रकार वाल्मीकि रामायण में भी इन्द्र राम को विष्णु-धनुष प्रदान कर सहयोग करते हैं । जिस प्रकार शतपथब्राह्मण में विष्णु अपने तीन पदों द्वारा सभी वैदिक देवताओं की शक्ति प्राप्तकर श्रेष्ठ बन जाते हैं उसी प्रकार रामायण में भी राम अग्नि, इन्द्र, सोम, यम और वरुण -- इन पाँच देवताओं के गुण, प्रताप, पराक्रम, सौम्य, दंड एवं प्रसन्नता को प्राप्तकर श्रेष्ठता प्राप्त करते हैं । वाल्मीकिरामायण में राम के जन्म का मुख्य प्रयोजन असुरों का विनाश है और इसी कारण उन्हें विष्णु का अवतार कहा गया । वाल्मीकिरामायण में विष्णु के अवतार के साथ अन्य देवताओं के सामूहिक अवतरण की बात भी कही गई है। इसमें राम का मुख्य प्रयोजन देवशत्रुओं का विनाश करना ही है । (ख) महाभारत वाल्मीकिरामायण एवं महाभारत दोनों महाकाव्यों में अवतार का मुख्य उद्देश्य दैवी शक्ति को विजयो बनाना है । महाभारत के " अंशावतरण-पर्व" से विदित होता है कि उस समय सभी देव और दानव मनुष्य और राक्षस रूप में अवतरित हुए । विष्णु या नारायण श्रीकृष्ण के रूप में और इन्द्र अर्जुन के रूप में अवतरित हुए । यहाँ पर श्रीकृष्ण अर्जुन के सखा हैं । ऋग्वेद में भी विष्णु को इन्द्र का सखा या मित्र कहा गया है । विष्णु और इन्द्र किसी समय समश्रेणी के देवता थे किन्तु महाभारत काल में विष्णु (कृष्ण) प्रमुख स्थान ग्रहण कर चुके थे । शतपथब्राह्मण में भी कुरुक्षेत्र में तपस्या के कारण विष्णु को श्रेष्ठ कहा गया है । " केनोप १. वाल्मीकि रामायण ३ / १२ / ३३ २. शतपथब्राह्मण १/९/३/९ ३. वास्मीकि रामायण १ / १७ / १ - २३; ६ / ३०/२०-३३ ४. ऋग्वेद १/२२/१९ ५. शतपथब्राह्मण १४/१/१-५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002127
Book TitleTirthankar Buddha aur Avtar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRameshchandra Gupta
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1988
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size14 MB
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