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१४८ : तीर्थंकर, बुद्ध और अवतार : एक अध्ययन
आगे चलकर जातक निदानकथा में भगवान् दीपंकर से गौतम बुद्ध तक पच्चीस बुद्धों का विवरण मिलता है। इसके पूर्व बुद्धवंश में गौतमबुद्ध सहित पच्चीस बुद्धों के नाम प्राप्त होते हैं । भगवान् दीपंकर से बुद्धों की परम्परा का शुभारम्भ होने के कारण उन्हें आदि बुद्ध से अभिहित किया गया है । जिस कल्प में भगवान् दीपंकर दस बल प्राप्त कर बुद्ध हुए थे, उसी रूप में अन्य तीन बुद्ध - तण्हंकर, मेघंकर तथा सरणकर भी उत्पन्न हुए थे । परन्तु उन तीनों बुद्धों ने बोधिसत्त्व के बुद्ध बनने के बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं की थी ।" जबकि अन्य बुद्धों ने बोधिसत्त्व के भविष्य में बुद्ध होने के बारे में कहा था । अतः इन तीन बुद्धों के नाम निदानकथा में सिद्धार्थ गौतम के पूर्व चोबीस बुद्धों की अवधारणा में जोड़े नहीं जाते हैं । दीपंकर के कल्प में उत्पन्न हुए इन तीन बुद्धों को जोड़ने से बुद्धों की संख्या २७ हो जाती है । २ सिद्धार्थ गौतम के पूर्व हुए २४ बुद्धों का विवरण इस प्रकार है
१. दीपंकर
२. कौण्डिन्य
३. मंगल
४. सुमन
५. रेवत
६. शोभित ७. अनोमदर्शी
८. पद्म
९. नारद
१०. पद्मोत्तर
११. सुमेध
१२. सुजात
१३. प्रियदर्शी १४. अर्थदर्शी
१५. धर्मदर्शी
१६. सिद्धार्थ
१७. तिष्य
१८. पुष्य
१९. विपश्यी
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२०.
शिखी
२१. वेस्सभू
२२. ककुसन्ध
२३.
२४. काश्यप
बुद्धों की संख्या को लेकर बौद्ध साहित्य में विभिन्न मत देखे जाते हैं । सर्वप्रथम शाक्यमुनि गौतम हो बुद्ध माने गये - फिर अतीत बुद्धों को
कोणागमन
१. " यस्मि पन कप्पे दीपंकरदसबलो उदपादि, तस्मि अञ्ञे पितयो बुद्धा महेसुं । सन्तिका बोधिसत्तस्य व्याकरणं नत्थि । तस्मा ते इध दस्सिता । "
- निदानकथा, पृ० १०८
२. वही, पृ० १०८
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