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________________ १९४ : जैनधर्म की प्रमुख साध्वियाँ एवं महिलाएं बहुमूल्य साहित्य सेवा की। इस टीका के अन्त में इन दोनों साध्वियों का उल्लेख महत्त्वपूर्ण है जिससे उनकी साहित्यिक क्षमता तथा ज्ञान-गरिमा का आभास मिलता है। शान्तिमति गणिनी: खरतरगच्छ सम्प्रदाय के आचार्य जिनदत्तसरि ने आपको महत्तरा पद वि. सं. १२१५ में दिया था। आपके द्वारा लिखित संग्रह की प्रति जैसलमेर भंडार में सुरक्षित है । सूरिजी साध्वियों के ज्ञानवर्धन के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उन्होंने अपने शिष्यों के साथ शिष्याओं को भी शास्त्रों के पठन-पाठन के लिए धारानगरी भेजा था, जो उस समय प्रख्यात शिक्षा का केन्द्र थी। वठिंडा क्षेत्र की श्राविका ने आपसे कई गहन प्रश्न पूछे थे। इन प्रश्नों के उत्तर में आपने सन्देह-दोहावली की रचना की थी। अनुपमा : गुजरात के प्रसिद्ध बन्धु-युगल-मंत्री तेजपाल और वस्तुपाल तथा उनकी पत्नियों का जैन इतिहास में विशिष्ट स्थान है । अनुपमा इन्हीं श्रेष्ठि तेजपाल की पत्नी थीं, जो राजा वीसलदेव बघेले के मंत्री थे। उन्हें कला की विशिष्ट जानकारी थी। पति तेजपाल द्वारा ई० सन् १२३२ में निर्मित आबू के आदिनाथ मंदिर के पास देलवाड़ा के नेमिनाथ मंदिर के निर्माणकार्य की देखरेख इसी महिला ने की थी। निर्माण कार्य में अतिविलम्ब देख वह स्वयं निर्माण-स्थान पर गई और कलापूर्ण कोतरणी के कार्य करने वाले कारीगरों को सभी सुविधाएँ प्रदान की। वास्तुकला में प्रवीण होने से उन्होंने कई सुझाव दिये, जिससे यह मंदिर भी अपनी शिल्पकला में आबू के आदिनाथ मंदिर से तुलनीय बन सका है। इस दृष्टान्त से यह प्रतीत होता है कि उस समय गुजरात में स्थापत्यकला की ओर विशेष ध्यान दिया जाता था और धनिक वर्ग तथा राज्यप्रमुख अपने पुत्रों के साथ पुत्रियों को भी इस कला में पारंगत करते थे । १. (क) अगरचन्दजी नाहटा-चन्दाबाई अभिनन्दन ग्रन्थ-पृ० ५७३ (ख) वही, पृ० ५७३ २. (क) वही, चन्दाबाई अभिनन्दन ग्रन्थ-पृ० ५७३ (ख) वही, खतरगच्छ का इतिहास-पृ० ३९ ३. अगरचन्दजी नाहटा-चन्दाबाई अभिनन्दन ग्रन्य-पृ० ५७५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002126
Book TitleJain Dharma ki Pramukh Sadhviya evam Mahilaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHirabai Boradiya
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Religion
File Size16 MB
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