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________________ महावीरोत्तर जैन साध्वियां एवं महिलाएं : १४७ पूर्णमित्रा : ____ कलिंग के राजा खारवेल की अग्रमहिषी पूर्णमित्रा राजा ललाक हत्थिसिंह की पुत्री थीं। राजा खारवेल ने हाथी गुम्फा नाम के एक विशाल एवं प्राचीन कृत्रिम गफा में मन्दिर के मुख एवं छत्र पर ब्राह्मी लिपि में लेख खुदवाये थे । उन्होंने उदयगिरि के कुमारी पर्वत पर भी एक गुफा का निर्माण करवाया था। रानी पूर्णमित्रा जैन धर्म एवं सिद्धान्तों पर अटूट श्रद्धा रखते हुए जैन साधु-साध्वियों का विशेष आदर करती थीं। हिमवन्त स्थविरावली में अंग शास्त्रों के उद्धार के सम्बन्ध में स्पष्ट उल्लेख के साथ-साथ यह भी बताया गया है कि कुमारगिरि पर खारवेल द्वारा आयोजित इस चतुर्विध संघ के सम्मेलन में किन-किन श्रमणों, श्रमणियों, श्रावकों और श्राविकाओं ने भाग लिया। आर्य बलिस्सह, आर्य सस्थित आदि के साथ आर्या पोइणी आदि ३०० श्रमणियों तथा पूर्णमित्रा आदि ७०० श्राविकाओं ने इस सम्मेलन में भाग लिया। भिक्खुराय खारवेल की प्रार्थना पर उन स्थविर श्रमणों एवं श्रमणियों ने अवशिष्ट जिन प्रवचन को सर्वसम्मत स्वरूप में भोजपत्र, ताड़पत्र तथा वल्कल आदि पर लिखा और इस प्रकार वे सुधर्मा द्वारा उपदिष्ट द्वादशांगी के रक्षक बने । अतः जैन धर्म के इतिहास के लिए यह शिलालेख (जिसमें इस सम्मेलन का विवरण है) अत्यन्त मूल्यवान है। भद्रबाहु श्रुतकेवली के उपरान्त मौखिक द्वार से प्रवाहित चले आये आगमश्रुत को पुस्तकारूढ़ करने तथा पुस्तक साहित्य का प्रणयन करने के लिए चलाये गये सरस्वती आन्दोलन का प्रारम्भ इत्यादि तथ्यों का इस लेख से समर्थन होता है। इसमें अधिक महत्त्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस सम्मेलन में साध्वियां तथा श्राविकाएँ भी उपस्थित थीं। अंग साहित्य की सेवा करने १. हिमवन्त स्थविरावली से उद्धृत (अप्रकाशित) आचार्य हस्तीमलजी महा राज द्वारा उद्धृत। २. (क) डॉ० ज्योतिप्रसाद जैन-प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष और महिलाएँ पृ० ४८४ (ख) डॉ० हीरालाल जैन-भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान पृ० ३०७ ३. डॉ० ज्योतिप्रसाद जैन-प्रमुख ऐतिहासिक जैन पुरुष और महिलाएं पृ० ५६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002126
Book TitleJain Dharma ki Pramukh Sadhviya evam Mahilaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHirabai Boradiya
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Religion
File Size16 MB
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