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________________ महावीरोत्तर जैन साध्वियां एवं महिलाएं : १४१ यक्षा साध्वी ने श्री सीमंधर स्वामी से इसके (प्रायश्चित्त) स्पष्टीकरण का आग्रह किया। यक्षा साध्वी ने तीन दिन तक अन्न-जल का त्याग कर शासनदेवी की आराधना की तथा उनकी सहायता से सीमंधर स्वामी के पास गई। उन्होंने प्रायश्चित्त स्वरूप चार चलिकाएँ सूनाईं जिसे यक्षा ने कंठस्थ कर लिया। स्वामीजी को उन पंक्तियों को उसने अपने समक्ष यथावत् दोहरा दिया । संघ ने आचारांग सूत्र तथा दशकालिक सूत्र में इन्हें संकलित किया । आज भी 'भावना' तथा 'विमुक्ति' को आचारांग सूत्र में तथा 'रतिकल्प' व 'विचित्रचर्या' को दशवैकालिक सूत्र की चूलिकाओं के रूप में सम्मिलित किया गया है । कोशा: मगध की राजधानी पाटलीपुत्र में राजगणिका कोशा रूप, लावण्य व चातुर्य में प्रसिद्ध थी। वह तत्कालीन राजपुत्रों तथा श्रेष्ठि पुत्रों के आकर्षण का केन्द्र थी। युवकगण उसका सान्निध्य प्राप्त करने के लिये सदैव लालायित रहा करते थे। कोशा गणिका के रूप-लावण्य से आकर्षित होकर स्थलभद्र (मंत्री शकडाल के ज्येष्ठ पुत्र) बारह वर्ष तक उसी के आवास पर रहे। स्थलभद्र रूपसी युवती कोशा के सान्निध्य में रहकर अपने कर्तव्य से विमुख हो गये थे । कोशा भी ऐसे प्रतिभाशाली मंत्री-पुत्रः को पाकर धन्य हो उठी। वह उनके वियोग की कल्पना भी नहीं कर सकती थी। १. (क) आ० हस्तीमलजी मेवाड़ी-आगम के अनमोल रत्न, पृ० ३८७ (ख) आ० हस्तीमलजी-जैन धर्म का मौलिक इतिहास, पृ० ३१६ २. जैन विश्वास के अनुसार महाविदेह क्षेत्र में केवलज्ञान प्राप्त आचार्य विचरण __ करते हैं। ३. मुनि सुशीलकुमार-जैन धर्म का इतिहास, पृ० १२८ ४. आवश्यकचूणि प्र० पृ० ५५४, तीर्थोद्गालिक ७७७, कल्पसूत्रवृत्ति पृ० २५२, उत्तराध्ययनवृत्ति (शान्तिसूरि) पृ० १०६, कल्पसूत्रवृत्ति (धर्मसागर) पृ० १६३, भक्तपरिज्ञा १२८, आवश्यकचूर्णि दि०, पृ० १८५ ५. आ० हस्तीमलजी मेवाड़ी-आगम के अनमोलरत्न । ६. (क) नन्दीसूत्र, २४ (ख) कल्पसूत्र-स्थविरावली, ६-जैन आत्मानंद सभा, भावनगर ।' Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002126
Book TitleJain Dharma ki Pramukh Sadhviya evam Mahilaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHirabai Boradiya
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1991
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, History, & Religion
File Size16 MB
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