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________________ निश्चय और व्यवहार नयों की पृष्ठभूमि / ३ नाम नय है तथा एक समय में दोनों पक्षों से परामर्श करनेवाले दृष्टियुगल को प्रमाण कहते हैं।' द्रव्यार्थिक और पर्यायार्थिक नय ही अध्यात्म में निश्चयनय और व्यवहारनय के नाम से जाने जाते हैं। आचार्य श्री अमृतचन्द्र ने समयसार की टीका में स्पष्ट किया है कि निश्चयनय द्रव्याश्रित है और व्यवहारनय पर्यायाश्रित।' आलापपद्धति में भी कहा गया है - णिच्छयव्यवहारणया मूलिमभेया णयाणसव्वाणं । णिच्छयसाहणहेऊ दव्वयपज्जत्थिया मुणह ।।' - सब नयों के निश्चयनय और व्यवहारनय ये दो मूलभूत भेद हैं। निश्चय का हेतु द्रव्यार्थिक नय है और साधन का अर्थात् व्यवहारनय का हेतु पर्यायार्थिक नय है। इस प्रकार निश्चयनय और व्यवहारनय भी नेत्रयुगल हैं जिनके द्वारा वस्तु के परस्परविरुद्ध पक्षों के दर्शन होते हैं। निश्चय और व्यवहारनय प्रमाणैकदेश ___ वस्तु के स्वरूप का जो निर्णय उसके उभय पक्षों के आधार पर किया जाता है वह प्रमाण कहलाता है। प्रयोजनवश किसी एक पक्ष के आधार पर किये गये निर्णय को नय कहते हैं। दूसरे शब्दों में, जब ज्ञाता ( प्रमाता ) की दृष्टि में वस्तु के उभय पक्ष प्रतिबिम्बित होते हैं तब उस दृष्टि का नाम प्रमाण होता है और जब प्रयोजनवश दृष्टि में किसी एक पक्ष का प्रतिबिम्ब ग्रहण किया जाता है तब उस दृष्टि को नय कहते हैं। इस तरह नय श्रुतज्ञान-प्रमाण का एकदेश ( अंश) है अत: अप्रमाण नहीं है। जैसे समुद्र के अंश को न तो समुद्र कहा जा सकता है न असमुद्र, अपितु समुद्रैकदेश ही कहा जा सकता है, वैसे ही प्रमाण के अवयव को न तो अप्रमाण माना जा सकता है, न प्रमाण, अपितु प्रमाणैकदेश ही माना १. "अनेकान्तप्रतिपत्तिः प्रमाणमेकधर्मप्रतिपत्तिर्नयः।" अष्टशती, देवागमकारिका, १०६ २. "व्यवहारनयः किल पर्यायाश्रितत्वात् ...। निश्चयनयस्तु द्रव्याश्रितत्वात् ...।" समयसार, गाथा, ५६ ३. आलापपद्धति, गाथा, ४. ४. आलापपद्धति, गाथा, ४, अनुवादक - पं० रतनचन्द जी मुख्तार ५. "श्रुतविकल्पो वा नयः। आलापपद्धति, सूत्र, १८१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002124
Book TitleJain Darshan me Nischay aur Vyavahar Nay Ek Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1997
Total Pages290
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, & Religion
File Size12 MB
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