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________________ जैन योग का आलोचनात्मक अध्ययन महाभारत' एवं श्रीमद्भगवद्गीता में योग के विभिन्न अंगों का विवेचन एवं विश्लेषण उपलब्ध है। यहाँ तक कि गीता के अठारह अध्यायों में अठारह प्रकार के योगों का वर्णन है, जिनमें अनेकविध साधनाएँ कही गयी हैं । भागवत एवं स्कन्दपुराण में कई स्थलों पर योग की चर्चा है । भागवतपुराण में तो स्पष्ट रूप से अष्टांगयोग की व्याख्या, महिमा तथा अनेक लब्धियों का विवेचन है । योगवासिष्ठ के छह प्रकरणों में योग के विभिन्न सन्दर्भो की विस्तृत व्याख्या है, जिनमें योग-निरूपण के साथ-साथ आख्यानकों की सृष्टि हुई है । इन आख्यानकों के माध्यम से योगसम्बन्धी विचारों को पुष्टि मिली है। न्यायदर्शन में भी योग को यथोचित स्थान मिला है। कणाद् ने वैशेषिकदर्शन में १. देखिये, महाभारत के शान्तिपर्व, अनुशासनपर्व एवं भीष्मपर्व । २. गीतोक्त अठारह प्रकार के योग इस प्रकार हैं (१) समत्वयोग, २०४८, ६।२९, ३३; (२) ज्ञानयोग, ३।३; १३।२४; १६।१; (३) कर्मयोग, ३६३, ५।२, १३।२४; (४) दैवयोग, ४।२५, (५) आत्मसंयमयोग, ४।२७; (६) यज्ञयोग, ४।२८; (७) ब्रह्मयोग, ५।२१, (८) संन्यासयोग, ६२, ९।२८; (९) ध्यानयोग, १२१५२, (१०) दुःखसंयोगवियोग-योग, ६।२३; (११) अभ्यास-योग, ८८, १२।९; (१२) ऐश्वरीयोग, ९।५, ११।४,९; (१३) नित्याभियोग, ९।२२; (१४) शरणागति-योग, ९।३२-३४, १८।६४-६६; (१५) सातत्ययोग, १०।९, १२।१; (१६) बुद्धियोग, १०।१०, १८६५७; (१७) आत्मयोग, १०।१८, ११।४७; (१८) भक्तियोग, १४।२६ ३. भागवतपुराण, ३।२८; ११।१५; १९-२० ४. स्कन्दपुराण, भाग १, अध्याय ५५ ५. देखिये, योगवासिष्ठ के वैराग्य, मुमुक्षु व्यवहार, उत्पत्ति, स्थिति, उपशम और निर्वाण प्रकरण । ६. समाधि विशेषाभ्यासात् ।-न्यायदर्शन, ४।२।३६ अरण्यगुहापुलिनादिषु योगाभ्यासोपदेशः । -वही, ४।२।४० तदर्थ यमनियमाम्यात्म संस्कारो योगाच्चात्मविध्युपायैः । -वही, ४।२।४६ ७. अभिषेचनोपवास ब्रह्मचर्यगुरुकुलवास वानप्रस्थयज्ञदान मोक्षणदिङ् नक्षत्र मन्त्रकाल नियमाश्चादृष्टाय.।-वैशेषिकदर्शन, ६।२।२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002123
Book TitleJain Yog ka Aalochanatmak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArhatdas Bandoba Dighe
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1981
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Principle
File Size13 MB
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