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________________ भूमिका : ६५ विप्रसन्देश' : जगनोर निवासी कोचुन्नि तंबिरन ने इस काव्य की रचना की है। बाणायुधचम्पू और गोष्ठीचरित काव्य तथा अनंगविजय और विटराजविजय नामक भाणग्रन्थ भी इन्होंने रचे हैं। विप्रसन्देश में एक वृद्ध विप्र को दूत रूप में नियुक्त कर उसके द्वारा सन्देश सम्प्रेषित किया गया है। काव्य का मात्र उल्लेख ही प्राप्त होता है। श्येनदूतम् : इस काव्य के रचनाकार श्री नारायण कवि जी हैं। काव्य में श्येन (बाज पक्षी) के माध्यम से सन्देश-सम्प्रेषण सम्पन्न हुआ है । काव्य बहुत ही सुन्दर है। शिवदूतम् : इस दूतकाव्य के रचनाकार तंजौर मण्डल के अन्तर्गत नटुकाबेरी के निवासी श्री नारायण कवि जी हैं। इन्होंने विभिन्न काव्य तथा गद्यात्मक जीवन-चरित्र भी लिखे हैं। इस दूतकाव्य का भी मात्र उल्लेख ही प्राप्त होता है। शुकदूतम् : इसके रचयिता श्री यादवचन्द्र हैं । दौत्यकर्म शुक अर्थात् तोता के माध्यम से सम्पादित हुआ है । एक नायिका अपने प्रिय नायक के पास शुक को अपना दूत बनाकर एवं उसे अपना सन्देश देकर भेजती है। शुकसन्देश" : दाक्षिणात्य कवि करिंगमपल्लि नम्बूदरी द्वारा इस दूतकाव्य की रचना हुई है । शुक के ही माध्यम से सन्देश-सम्प्रेषण सम्पादित किया गया है। शुकसन्देश : श्री रंगाचार्य द्वारा विरचित अपने नाम का यह दूसरा दूतकाव्य है । कथावस्तु स्वतन्त्र रूप से रची गई है। इसमें भी शुक ही दूत के रूप में चुना गया है। १. जर्नल ऑफ द रॉयल एशियाटिक (१९००) १० ७६३ एवम् संस्कृत साहित्य का इतिहास : कृष्णमाचारियर, पृ० २५८ पैरा,१८०; अप्रकाशित । २. संस्कृत साहित्य का इतिहास : कृष्णमाचारियर, पृ० ६६८-९, पैरा ७२७; अप्रकाशित । ३. वही। ४. जैन सिद्धान्त भास्कर, भाग २, किरण २, पृ० ६४; अप्रकाशित । ५. श्री गुस्टव आपर्ट द्वारा संकलित दक्षिण भारत के निजी पुस्तकालयों के संस्कृत हस्तलिखित ग्रन्थ-सूची, मद्रास के ग्रन्थ-संख्या २७२१ और ६२४१ पर द्रष्टव्य । ६. श्री लेविस राइस द्वारा संकलित मैसूर एवं कूर्ग के संस्कृत हस्तलिखित ग्रंथों ____की सूची, बंगलौर में ग्रन्थ-संख्या २२५० पर द्रष्टव्य; अप्रकाशित । ५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002122
Book TitleJain Meghdutam
Original Sutra AuthorMantungsuri
Author
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size15 MB
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