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________________ भूमिका : ४९ बाद होश आने पर वह मथुरा जाते हुए एक पथिक को देखती है । मन की अत्यधिक उद्विग्नतावश वह उस पथिक को ही अपना सन्देश दे, दूत के रूप में उसे श्रीकृष्ण के पास भेजती है । १०५ श्लोकों में रचे गये इस दूतकाव्य में शार्दूलविक्रीडित छन्द का प्रयोग किया गया है । पिकदूतम् ' : इस काव्य के काव्यकार श्रीरुद्रन्याय पंचानन जी हैं । ढाका विश्वविद्यालय में प्राप्त इस काव्य की एक प्रतिलिपि के अन्त में " इति श्री रुद्रन्याय ( ? न्याय) पंचानन भट्टाचार्य विरचितं पिकदूतं नाम काव्यं समाप्तम्" ऐसा लिखा है, इसके आधार पर यह प्रमाणित होता है कि पंचानन जी ही इसके रचयिता हैं । atra - कर्म एक पिक अर्थात् कोयल के द्वारा सम्पादित है, इसलिए इस काव्य का नामकरण पिकदूत किया गया है । जब श्रीकृष्ण वृन्दावन से मथुरा चले आते हैं, तब उनके विरह में व्याकुल होकर श्री राधिका जी एक पिक को अपना दूत बनाकर उसी के माध्यम से अपना विरह-सन्देश श्रीकृष्ण तक पहुँचाती हैं । यही कथा काव्य में वर्णित है। काव्य में कुल ३१ श्लोक हैं । पिकदूतम् : यह दूतकाव्य अम्बिकाचरणदेव शर्मा द्वारा प्रणीत है । काव्य में सन्देश - हारक का कार्य पिक द्वारा ही सम्पादित करवाया गया | काव्य का पूर्ण अंश उपलब्ध भी नहीं है । कवि अम्बिकाचरण उपेन्द्रस्वामी के शिष्य थे । काव्य में श्रीकृष्ण की कथा वर्णित है । कृष्ण के विरह में कोई गोपकान्ता अति व्यथित मन से बैड़ी है, तभी उसे कोयल मीठी बोली सुनाई पड़ती है, इससे उसका मन कुछ प्रसन्न हो जाता है और वह उसके द्वारा अपने सुमधुर सन्देश को कृष्ण के पास पहुँचाती है । इस प्रकार काव्य अधूरा होते हुए भी बहुत हो सुन्दर है । पिकदूतम् : इस काव्य के रचयिता के विषय में कुछ भी ज्ञात नहीं १. श्री अनन्तलाल ठाकुर द्वारा प्राच्य वाणी पत्रिका, कलकत्ता के द्वितीय भाग में सन् १९४५ में प्रकाशित । २. प्राच्य वाणी मन्दिर, कलकत्ता में काव्य के कुछ अंश उपलब्ध हैं; अप्रकाशित । ३. श्री चिन्ताहरण चक्रवर्ती, कलकत्ता के व्यक्तिगत पुस्तकालय में पाण्डुलिपि उपलब्ध है; अप्रकाशित । ४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002122
Book TitleJain Meghdutam
Original Sutra AuthorMantungsuri
Author
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1989
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size15 MB
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