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________________ २०] प्रबन्धकोश का ऐतिहासिक विवेचन कौतुककथा या विनोदकथा भी कहते हैं। यह सरल संस्कृत-गद्य में लिखा गया कथासंग्रह है जिसमें अनेक रसपद कथाओं का संकलन है।' इसमें ८६ कथाएँ धार्मिक और नैतिक शिक्षा की हैं और शेष १४ वाक्चातुरी और परिहास द्वारा मनोरंजन की हैं। इसकी सरल शैली और शब्दविन्यासप्रणाली देशज है जो पञ्चतन्त्र की शैली जैसी है। संस्कृत, महाराष्ट्री और अपभ्रंश पद्य इसमें प्रचुर रूप से उद्धृत हैं। गाथाओं में किसी व्रत का माहात्म्य और दृष्टान्तकथा देकर समझाया गया है । ग्रन्थरचना के धार्मिक और लौकिक दोनों दृष्टिकोण हैं । __ इस ग्रन्थ की कुछ कथाएँ ब्राह्मण साहित्य से और कुछ जैनागमों की टीकाओं से संकलित की गयी हैं। इसकी आठ कथाएँ पुल्ले द्वारा इटालियन भाषा में अनदित् हैं। इसकी एक कथा का "जजमेण्ट ऑफ सोलोमन' नाम से टेसीटोरी ने अंग्रेजी अनुवाद किया है। उसके साथ नन्दिसूत्र की मलयगिरि टीका की कथा भी है, जिसका यूरोप की कथाओं में रूपान्तर हुआ है। १९१८ ई० में मूल पाठ बम्बई से प्रकाशित किया गया है। इस ग्रन्थ का गुजराती अनुवाद १९२१ ई० में जैन धर्म प्रसारक सभा, भावनगर द्वारा हुआ है। राजशेखरसूरि का दूसरा ग्रन्थ 'न्यायकन्दली' की टीका है । 'न्यायकन्दली' ग्रन्थ बंगाल निवासी श्रीधर नामक एक अजैन द्वारा रचित है जिस पर राजशेखरसूरि ने एक पञ्जिका वि० सं० १३८५ ( १३२८ ई० ) में रची थी। 'न्यायकन्दली' की टीका में राजशेखरसूरि ने 'प्राकृत प्रबोध' ग्रन्थ का उल्लेख किया है । 'प्राकृत प्रबोध' ग्रन्थ की हस्तलिखित प्रतियाँ अहमदाबाद के लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्या मंदिर में हैं।' 'सिद्धहेमशब्दानुशासन' के १. देसाई, मोहनलाल दुलीचन्द्र : जैन गुर्जर कवियों, भाग १, बम्बई, १९२५ ई०, पृ. १३ टि ; जिरको पृ० ११, ९६, ३५७ । . २. दे० इण्डि० एण्टि०, ४२ तथा जैन, हीरालाल : भा० सं० में जैनधर्म का योगदान, भोपाल, १९६२, पृ० १७८ । ३. दे. जिरको २१९ तथा २७८ भी; मिश्र, उमेश : भारतीय दर्शन, लखनऊ, १९७५, पृ० २२८ । ४. जैसाबृइति, भाग ५, पृ० ७१। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002121
Book TitlePrabandh kosha ka Aetihasik Vivechan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravesh Bharadwaj
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1995
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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