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१९०३
प्रबन्धकोश का ऐतिहासिक विवेचन
जैनेतर, भारतीय एवं विदेशी ऐतिहासिक ग्रन्थों के तुलनात्मक अध्ययन से एक ओर प्रबन्धकोश के गुण-दोष प्रकाशित होते हैं तथा दूसरी ओर भारतीयों पर लगे इतिहास के अभाव-आरोप का प्रक्षालन भी होता है।
निःसन्देह प्रबन्धकोश जैन इतिहासशास्त्र का एक अनमोल ग्रन्थ
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