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तुलनात्मक अध्ययन
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तो, प्रबन्धकोश के प्रतिकूल क्रॉनिकल्स राजकीय आश्रयदाताओं के तत्वावधान में लिखे गये थे। दूसरे, उनके विभिन्न भागों में आश्रयदाताओं के विरोधी विचार प्रविष्ट कर गये हैं जिससे फ्रोईसार के वर्णन सर्वदा संगत नहीं रह सके हैं।
प्रबन्धकोश की अपेक्षा क्रॉनिकल्स में समकालीन वर्णन अधिक है। क्रॉनिकल्स के पहले भाग तथा तीसरे के प्रारम्भिक पृष्ठों में समकालीन घटनाओं का पूर्ण लेखा-जोखा नहीं है, तथापि शेष में समकालीनत्व पाये जाते हैं।
प्रबन्धकोश एक दिशा में क्रॉनिकल्स से बढ़ जाता है । राजशेखर ने आचार्य, कवि, राजा और सामान्य वर्गों की ओर रुचि प्रदर्शित की है, परन्तु जाँ फोईसार सामन्त और सैन्यवर्ग को छोड़कर समाज के किसी अन्य वर्ग में रुचि प्रदर्शित न कर सका। __इस प्रकार मैथ्यू पेरिस की क्रॉनिका मेजोरा तथा जाँ फोईसार की क्रोनिक्यू से प्रबन्धकोश की तुलना करने पर यह निष्कर्ष निकलता है कि प्रबन्धकोश के लेखन में उक्त दोनों ग्रन्थों के समान लेखनसुविधा न होते हुए भी प्रबन्धकोश का प्रणयन विर्मियों के राज्य में किया गया जिसमें उक्त दोनों कृतियों की अपेक्षा ऐतिहासिकता कम नहीं है। (१) किताब अल-इबर तथा 'मुकद्दमा' ( १३८६ ई० ) ___ अब तक प्रबन्धकोश की तुलना कई ग्रन्थों से की गयी है । एक विदेशी इतिहासकार के दो ग्रन्थ ऐसे भी हैं जिनसे उसकी समता करने में बड़ी कठिनाई होती है। ऐसे विषमतापरक ग्रन्थों का संक्षिप्त परिचय भी तुलनात्मक अध्ययन का अंग हो सकता है ।
मध्यकालीन अरबी इतिहासशास्त्र का सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि इब्न खल्दून (१३३२-१४०६ ई० ) था जिसने मुस्लिम-जगत्, विशेषतः मगरिब अर्थात् पश्चिम (अल्जीरिया, ट्यनिस और मोरक्को) का प्रामाणिक इतिहास अपनी विख्यात रचना 'किताब अल-इबर ब दीबान-अल-मुबतदावलखबर-फी-अय्याम-अल-अरब-वल - अजम-वलबर्बर' में लेखबद्ध किया और उसने 'मुकद्दमात' (प्रस्तावना ) में
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