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________________ तुलनात्मक अध्ययन [ १८५ जिस प्रकार प्रबन्धकोश को परवर्ती ग्रन्थों में साक्ष्य मानकर उद्धृत किया जाता रहा है उसी प्रकार 'क्रॉनिका मेजोरा' को आर्मेनियनों की सेण्ट अलबन्स-यात्रा ( १२५२ ई० ) की रिपोर्टों में साक्ष्य मानकर उद्धृत किया गया था। ये साक्ष्य १६०२ ई० के पैम्फ्लेट में भी उद्धृत किये गये हैं। ____ मैथ्यू पेरिस में जन्मजात इतिवृत्तकार की चेतना, रुझान और न्यायिक क्षमता थी। इसके अलावा वह कलाकार भी था। अपनी ऐतिहासिक पाण्डुलिपियों के हासियों में जीवन्त रेखाओं से चित्र या शील्ड बना दिया करता था। उसने इंग्लैण्ड और फिलीस्तीन के विशिष्ट मानचित्र बनाये हैं जिनकी गणना मध्यकाल के दुर्लभ चित्रों में की जाती है। उधर फ्रांस में जाँ फोईसार ( १३३७.१४०४ ई० ) ने जो क्रॉनिक्यू (क्रॉनिकल्स ) लिखा उसका नाम 'फ्रांस फ्लैण्डर्स इंग्लैण्ड, स्कॉटलैण्ड और स्पेन के इतिवत्त' हैं जो चौदहवीं शताब्दी के रंगीन क्रिया-कलापों का फ्रांसीसी गद्य में स्पष्ट चित्रण करते हैं । प्रबन्धकोश और इन इतिवृत्तों के उद्देश्यों में समानता है। ये इतिवृत्त पाठकों को आनन्द प्रदान करने के लिए रचे गये थे और इस उद्देश्य में फोईसार सफल भी हआ।' प्रबन्धचिन्तामणि और प्रबन्धकोश के उद्देश्यों के समान इन ग्रन्थों का उद्देश्य भी पाठकों का मनोरञ्जन करना था। राजशेखर की भाँति जाँ फ्रोईसार ने व्यापक भ्रमण भी किया। फ्रोईसार १३६१ ई० में इंग्लिश चैनल पार कर मार्गरेट की बहन फिलिप्पा हैनाऊ के सचिव व लेखक के रूप में १३६९ ई० तक सेवारत रहा। वह डेविड ब्रूस के साथ १३६५ ई० में स्कॉटलैण्ड और ब्रिटेन गया। ड्यूक क्लरेन्स के साथ वह फेरारा, बोलोन और रोम भी घूमा। फिलिप्पा की मृत्यु के बाद वह हैनाऊ लौटा और फिर फ्लैण्डर्स १. वही, ग्रन्थ १३, पृ. ३२ । २. वही, ग्रन्थ १४, पृ० ८४७ सी; ग्रन्थ १७, पृ० २८५ । ३. द इन्साइक्लोपीडिया अमेरिकाना, जि० १४, १९५९, पृ० २१३; हिहिरा, पृ० ७६ व आगे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002121
Book TitlePrabandh kosha ka Aetihasik Vivechan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravesh Bharadwaj
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1995
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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